अगर किसान लीक से हटकर खेती करें तो उन्हें अच्छा उत्पादन और मुनाफा मिल सकता है. ऐसे में करेले की खेती अन्य सब्जियों की तुलना में अधिक फायदेमंद हो सकती है. दरअसल, जहां अन्य सब्जियों के दाम बेहद कम मिलते हैं वहीं करेला थोक भाव में भी 25 से 30 रुपये किलोआसानी से बेचा जा सकता है.
यही वजह हैं कि आज कई किसान बड़े पैमाने पर करेले की खेती कर रहे हैं. ऐसे ही एक किसान है हरियाणा के झज्जर जिला के दुल्हेड़ा गाँव के रमेश कुमार जो करेले की खेती से अच्छी कमाई कर रहे हैं.
2 सीजन में करते हैं करेले की खेती (Cultivate bitter gourd in 2 seasons)
प्रोग्रेसिव फार्मर रमेश कुमार ने कृषि जागरण से बात करते हुए बताया कि वे पिछले दो सालों से करेले की खेती कर रहे हैं. एक एकड़ में उन्होंने करेला लगा रखे हैं. वे साल में दो सीजन में करेले की खेती करते हैं. पहले सीजन में वे जून-जुलाई में करेले लगाते हैं जिससे दिसंबर तक उत्पादन लेते हैं. जिसके बाद वे खेती की अच्छी जुताई करके जनवरी-फरवरी में दोबारा से करेले लगा लेते हैं. जिससे उन्हें मई-जून तक उपज मिलती है.
प्रति एकड़ 8 हजार पौधे लगते हैं
उन्होंने बताया कि वे कुछ निजी कंपनियों की करेले की हायब्रिड वैरायटी उगाते हैं. खेत की अच्छी तैयारी करने के बाद वे बेड बना लेते हैं. वे करेले की खेती के लिए मल्चिंग तथा सिंचाई के लिए ड्रिप इरीगेशन पद्धति अपनाते हैं.
करेले की बेलों को सूतली से बांधकर बांस पर चढ़ा देते हैं. वहीं खाद और उर्वरक के तौर पर एक प्रति एकड़ थैली डीएपी (तक़रीबन 50 किलो), 5 किलो जिंक और 3 किलो सल्फर देते हैं. एक एकड़ में लगभग 8 हजार पौधे लगते हैं.
हर सीजन से 2 लाख की कमाई (Earning 2 lakhs from every season)
अपनी कमाई के बारे में उन्होंने बताया कि एक एकड़ में करेले की खेती करने में उन्हें 20 से 25 हजार रूपये की लागत आती है. वहीं अच्छी पैदावार होने पर 2 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा हो जाता है. वे अपने उत्पादन को झज्जर और आसपास की मंडियों में बेच देते हैं. जहां उन्हें थोक में करेले का 25 से 30 रुपये किलो के भाव मिल जाते हैं.
अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
नाम: रमेश कुमार
मोबाइल नंबर : 9466511407
पता : दुल्हेड़ा, झज्जर, हरियाणा