Apple Farming in Warm Climates: गोवा समुद्र तट और जलवायु के चलते भारत का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. यहां पर लाखों की संख्या में रोजाना देश-विदेश से लोग घूमने आते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोवा में मानसून की बारिश/Monsoon Rains in Goa और गर्म तापमान के कारण कुछ फलों को उगाना बेहद मुश्किल होता है. खासतौर पर सेब को उगना गोवा में बहुत ही मुश्किल है. लेकिन आज हम आपको ऐसे एक किसान के बारे में बताएंगे, जिन्हें गोवा के बगीचे में सेब उगाकर असंभव कार्य को संभव कर दिखाया है.
बता दें कि जिस किसान की हम बात कर रहे हैं, वह एडवर्ड मेंडेस है, जो गोवा के रायचो अंबो (मनोरा) राया के रहने वाले हैं. एडवर्ड मेंडेस आज के समय में गोवा के बगीचों में सेब की खेती कर हर साल अच्छी मोटी कमाई कर रहे हैं. आइए आज के इस लेख में हम किसान एडवर्ड मेंडेस की संघर्ष की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं...
एडवर्ड मेंडेस तकनीकी विशेषज्ञ से बने एक सफल किसान
किसान एडवर्ड मेंडेस ने जर्मनी में एक कंप्यूटर इंजीनियर के रूप में अपना करियर शुरू किया, जहाँ से वे इटली चले गए और एक फ़ेस्टिवल शिपिंग कंपनी में शामिल हो गए, जहाँ वे कंपनी के पूरे कंप्यूटर नेटवर्क को नियंत्रित कर रहे थे. तकनीकी क्षेत्र में अपनी सफलता के बावजूद अपने स्वास्थ्य के चलते उन्हें नौकरी छोड़कर गोवा लौटना पड़ा. जब वह गोवा वापस लौटे तो उन्हें पाया कि गोवा में विदेशी सब्जियों का आयात अन्य राज्यों से किया जा रहा है. गोवा में विदेशी सब्जियों की खेती/Cultivation of exotic vegetables नहीं होती है. इसी के देखते हुए उनमें एक नया जुनून जागा, जिसके चलते उन्होंने आधुनिक कृषि तकनीकों का उपयोग करके स्थानीय रूप से सब्जियों को उगाना शुरू किया.
साल 2016 में किसान एडवर्ड मेंडेस ने गोवा में विदेशी फसलों की खेती/Cultivation of exotic crops in Goa को लेकर एक किताब लिखनी शुरू की. लेकिन इस कार्य में किसान और सहकारी समितियों का समर्थन न होने के चलते पूरा नहीं कर पाएं. इसके बाद उन्होंने साल 2017 में एडवर्ड ने हाइड्रोपोनिक्स और एरोपोनिक्स (ऐसी विधियाँ जो पौधों को मिट्टी के बिना बढ़ने देती हैं) का उपयोग करके ऐसी फसलों की खेती शुरू की जो आमतौर पर गोवा में नहीं उगाई जाती थी. उन्होंने बताया कि जब भी वह कहीं घूमने के लिए जाते थे, तो वह वहां की फसलों के पौधे को एकत्रित करते थे और अपने खेत में उगाने के लिए ले आते थे.
वही, एडवर्ड ने बताया कि वह बचपन से ही खेती से जुड़े हैं, जब वह अपने दादा-दादी के साथ रहा करते थे. इसी कारण से बुनियादी कृषि तकनीकों के बारे में पता था. पहले तो यह मेरा जुनून था, लेकिन समय और परिस्थितियों के साथ, मैंने इसे अपना पेशा बना लिया.
हिमाचल के किसान से लिए 200 टिशू कल्चर सेब के पौधे
किसान एडवर्ड ने साल 2020 में हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हरिमन शर्मा से मुलाकात की, जोकि गर्म क्षेत्रों में सेब की खेती करते है, उनसे प्रेरित होकर एडवर्ड ने गोवा में सेब उगाने की चुनौती का फैसला किया. एडवर्ड ने हरिमन से करीब 200 टिशू कल्चर सेब के पौधे प्राप्त किए और गोवा लौट आए. इन पौधे का गोवा की जलवायु में रोपण करना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने इस मुश्किल कार्यों में आने वाले सभी चुनौतियों का सामना किया.
उन्होंने सेब के पेड़ों को बारिश से बचाने के लिए उन्हें प्लास्टिक से ढक दिया और पेड़ों को विकसित करने के लिए सावधानीपूर्वक छंटाई की. शुरुआती साल बेहद कठिन भरा रहा. किसान एडवर्ड ने कहा कि पहले साल, फूल और जड़ें पर्याप्त मजबूत नहीं थीं, इसलिए मैंने उन्हें फेंक दिया. तीसरे साल, मैंने 35 पौधे खो दिए, लेकिन अब 40 से अधिक पौधे फल दे रहे हैं.
किसान एडवर्ड बताते हैं, "मैंने कभी अकार्बनिक रसायनों का इस्तेमाल नहीं किया. मैं खुद ही जैविक खाद और कीटनाशक बनाता हूँ. इन उत्पादों को बनाने के लिए नीम के पत्तों, रसोई के कचरे और वर्मीकंपोस्टिंग जैसी प्राकृतिक सामग्रियों का उपयोग किया. बता दें कि किसान एडवर्ड की खेती का तरीका प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल दोनों है. अपने खुद के उर्वरक और कीटनाशक बनाकर, वह अपनी खेती की गुणवत्ता को नियंत्रित कर रहे हैं और अपने पौधों के लिए एक स्वस्थ वातावरण बनाए हुए है.
सेब की खेत के अलावा अन्य फसलों की खोज
किसान एडवर्ड ने अपने खेत में सिर्फ सेब की ही खेती नहीं की बल्कि वह हल्दी, शकरकंद की 7 किस्में की खेती करते हैं. साथ ही यह अपने खेत में एरोपोनिक्स का उपयोग करके जामुन और आलू की खेती/Potato cultivation खोज कर रहे हैं. उनका खेती करना का तरीका एकीकृत है, जिसमें एक्वा फार्मिंग और पोल्ट्री शामिल है, जो उन्हें संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग करने और अपशिष्ट को कम करने में काफी हद तक मदद करता है. इसके अलावा वह एलोवेरा भी उगाते हैं और इसके लिए एक प्रसंस्करण इकाई स्थापित की. इसके अतिरिक्त, वह टैपिओका की खेती करते हैं, जिसका उपयोग वह अपनी बेकरी में करते हैं. यह विविधीकरण न केवल उनके संसाधनों का अधिकतम उपयोग करता है बल्कि अतिरिक्त आय के स्रोत भी है.
युवा किसानों को दे रहे प्रशिक्षण
किसान एडवर्ड अपने ज्ञान व खेती के नई तरीके को अन्य किसानों तक पहुंचाने के लिए युवा किसानों को प्रशिक्षण भी देते हैं. इस दौरान व किसानों को नवीन तकनीकों को अपनाने और नई फसलों की खोज करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. एडवर्ड का मानना है कि किसान आधुनिक खेती के तरीकों को अपनाकर अपनी उत्पादकता और आय में सुधार कर सकते हैं. एडवर्ड किसानों को सलाह देते हैं, कि वह अपनी पुरानी फसलों से चिपके नहीं रहे. अगर वह खतरे सामना करने के लिए तैयार है, तो वह अपने खेत में किसी भी तरह की फसल को सरलता से उगा सकते हैं.
अधिक आय के लिए किसान खेत में नया कुछ करें
एडवर्ड ने बताया कि अभी मेरी यात्रा खत्म नहीं हुई है. वह एक टिशू कल्चर इकाई स्थापित करने की योजना बना रहे हैं, जिससे उन्हें और भी अधिक विविध फसलें उगाने का मौका मिलेगा. कृषि नवाचारों की उनकी निरंतर खोज खेती में जो संभव है उसकी सीमाओं को आगे बढ़ाने को दर्शाता है. किसान एडवर्ड की कहानी गोवा और उसके बाहर के किसानों के लिए प्रेरणा है. गोवा में सेब के साथ उनकी सफलता इस बात का स्पष्ट उदाहरण है कि कैसे अभिनव सोच और कड़ी मेहनत से उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं. "किसानों के लिए मेरा संदेश है कि वे तैयार उत्पादों पर ध्यान केंद्रित करें. यदि आप अधिक कमाई करना चाहते हैं तो कुछ नया करने का प्रयास करें."