बिहार में प्राकृतिक खेती को मिलेगी रफ्तार, 38 जिलों में लागू होगी नई योजना, बढ़ेगी किसानों की आय किसानों को बड़ी राहत! कृषि यंत्र बैंक और हायरिंग सेंटर पर मिल रही लाखों की सब्सिडी, 25 जुलाई तक आवेदन अनिवार्य अगले 7 दिनों तक यूपी, राजस्थान और उत्तराखंड समेत इन राज्यों में सक्रिय रहेगा मानसून, IMD ने जारी किया अलर्ट किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 18 September, 2019 8:31 PM IST

खेती में आज उन्नत तकनीक अपनाना समय की मांग है. आज जो भी किसान उन्नत तकनीक से खेती कर रहे है, वह भरपूर मुनाफा कमा रहे है. दरअसल कटनी तहसील के ग्राम में किसान संजीव नैय्यर ने उद्यानिकी की खेती उन्नत तकनीक से बड़े स्वावलंबी बने हैं. साथ ही उन्हें खेती में मुनाफा ही मुनाफा नजर आ रहा है. किसानों के लिए मिसाल से भी कम नहीं है. संजीव नैय्यर ने यूके, लिप्टस, अनार, गुलाब, नींबू, प्लांटेशन के साथ अब बनाना जी- 9 की खेती की है. यहां पर कारोबार के साथ किसान ने केला 10 एकड़ में केले को लगाया है. किसान ने बताया कि एक एकड़ में केला लगाने ड्रिप पद्धति सहित एक लाख रूपये को खर्च किया गया है. इसमें उन्हें दो लाख रूपये से पांच लाख रूपये एकड़ की आमदनी शुरू हो गई है. एक साल के अंदर ही वह इसकी खेती से एक लाख रूपये कमा चुके है.

वर्ष 2018 में लगाया प्लांट

संजीव ने बताया कि 2018 में केले की खेती की जाती है. एक बार अगर आप फसल ले चुके है और बड़ी मात्रा में फंटूगिशुरू हो गई है.खास बात तो यह है कि केला की सप्लाई के लिए उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है. पूरा केला कटनी में ही सप्लाई हो जाती है. किसान का कहना है कि लोग केवल गेहूं और धान के अलावा कोई और खेती नहीं करते है. बाद में उन्होंने फायदें के बारे में सोचा कि कटनी में लोग में केवल गेहूं और धान की खेती को करने का कार्य कर रहे हैं. बाद में वह महाराष्ट्र के नासिक में अनार को देखने गए है. केले की खेती के लिए जलगांव, भुसावल भी गए और वहां जाकर खेती को देखा है.

कम लागत में ज्यादा मुनाफा

सबसे खास बात तो यह है कि यहां पर कम लागत में किसान अधिक मुनाफा कमाने की तरकीब को इजाद कर रहे है. केले की खेती के लिए एक एकड़ में लागत 50 हजार के आसपास ही है जबकि ड्रिप पद्धति में कुल 90 हजार रूपये से लेकर एक लाख रूपये से लेकर एक लाख रूपये तक की लागत आती है. साथ ही 9 से 10 महीनों के बाद उत्पादन शुरू हो जाता है. एक पौधे में लगभग 60 से 70 किलो की पैदावार हो रही है. यह बाजार में 15 से 20 रूपये किलो एकड़ में मुनाफा प्राप्त हो रहा है. खास बात है कि प्रथम तीन साल तक काफी बेहतर उत्पादन आएगा और बाद में चौथे साल कम हो जाएगा. नैय्यर का कहना है कि वह किसानों को प्रेरित करके उनको उन्नत खेती की तकनीक से जोड़ा जाएगा.

English Summary: Farmer earning lakhs of rupees in Madhya Pradesh by cultivating Banana-G9
Published on: 18 September 2019, 08:36 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now