मेहनत करने से हर एक कार्य में सफलता मिलती है. यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी. आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति के बारे में बताने जा रहे है, जिन्होंने अपने संघर्ष से सफलता हासिल की. जी हां यह बनवारीलाल निठारवाल के बेटे सोहनलाल निठारवाल की संघर्ष की कहानी है, जो सीकर के श्रीमाधोपुर में रहते है.
आपको बता दें कि सोहनलाल ने अपने पिता के संघर्षों को देखते हुए UPSC की परीक्षा में 201वीं रैक को हासिल किया और IAS अफसर बनें. सोहनलाल बताते हैं कि उनके पिता अनाज मंडी (grain market) में मजदूरी व भूदी की ढाणी ढालयावास में खेती बाड़ी करने वाले साधारण से व्यक्ति है. लेकिन फिर भी उन्होंने अपने बच्चों के उच्च शिक्षा का सपना पूरा किया है.
ऐसे कि पढ़ाई की शुरुआत (such that the beginning of the study)
IAS सोहनलाल बताते हैं कि उन्होंने अपनी पढ़ाई की शुरुआत अपने गांव के सरकारी स्कूल से की थी. गांव के स्कूल में उन्होंने 10वीं तक पढ़ाई की और फिर उसके बाद 12वीं की पढ़ाई साइंस विषय (science subject) से सीकर जाकर की. इसके बाद उन्होंने साल 2016 में आइआइटी दिल्ली (IIT Delhi) से इलेक्ट्रिक से बीटेक पूरा किया. इसके बाद वह अपनी मेहनत के बल पर साल 2018 में इंजीनियरिंग सेवा करने लगे. इस दौरान उन्होंने साल 2019 में अपने निरंतर प्रयास से UPSC की परीक्षा को तीसरे प्रयास में 201वीं रैंक से सफलता हासिल की. साल 2020 में IAS सोहनलाल को राजस्थान कैडर के लिए नियुक्त किया.
IAS बनने के बाद भी खेती बाड़ी करते हैं
भले ही आज सोहनलाल IAS अफसर बन गए हैं, लेकिन वह जब भी अपने गांव जाते हैं, तो वह अपने पिता के साथ खेती बाड़ी के काम में उनका हाथ बंटाते हैं.
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देखा जाए, तो आज के युवाओं के लिए IAS सोहनलाल एक प्रेरणा का स्त्रोत हैं. बता दें कि वर्तमान समय में IAS सोहनलाल जोधपुर के जिले में प्रशिक्षु सहायक कलेक्टर के तौर पर नियुक्त हैं.
पीएम मोदी से मिली सराहा (Appreciation received from PM Modi)
जैसे कि आप जानते हैं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने भी श्रम साधना की सराहा कर चुके हैं. महामारी के दौरान पलसाना के क्वॉरंटीन सेंटर में यूपी सहित कई अन्य राज्यों के श्रमिकों व अफसरों ने मिलकर स्कूल को बेहतर बनाया है. लोगों की इस पहल को पीएम मोदी ने मन की बात में काफी सराहा था.