अगर कुछ करने का हौसला हो तो कोई काम मुश्किल नही होता. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है देहरादून के चारबा गांव की रहने वाली हिरेशा वर्मा ने. जिन्होंने मशरूम की नई तकनीक से खेती कर एक नई पहल की है. आइये जानते हैं इनकी सफलता की कहानी को विस्तार से.
हिरेशा की कहानी मशहूर होने के बाद जब कई लोगों और ख़ास कर मिडिया संस्थानों ने अपनी दिलचस्पी उनकी सफ़लता को जाने के लिए दिखाई तो उन्होंने बताते हुए कहा की साल 2013 में केदारनाथ में बादल फटने के बाद जिस तरह की तबाही मची थी भयंकर तो उस वक़्त हिरेशा वर्मा दिल्ली की एक आईटी कंपनी में कार्यरत थीं. उन्होंने तबाही का मंजर देखा तो उन्होंने आपदा पीड़ित लोगों की मदद करने की ठान ली. वह दिल्ली छोड़ कर उत्तराखंड पहुंच गईं और लोगों को सहायता और राहत पहुंचाने के लिए वे एक एनजीओ के साथ काम करने लगीं.
मन में कैसे आया विचार (How Did The Idea Come To Mind)
आपको बता दें हिरेशा के मुताबिक जब उन्होंने केदारनाथ में बादल फटने का वो तबाही देखा तब उन्होंने उस हादसे में शिकार हुए लोगों की मदद करने की ठानी. इस दौरान इनकी आर्थिक स्तिथि को सुधारने के लिए उन्होंने अपने स्तर पर काफी काम भी किया. इसके बाद उन्होंने स्थानीय महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मशरूम की खेती का आइडिया उनके दिमाग में आया और वहीँ से इसकी शुरुआत की.
इस खबर को भी पढ़ें - 10 गज के कमरे में केसर उगाकर कमाएं लाखों रुपए, जानिए कैसे?
मशरूम की खेती की कैसे की शुरुआत (How To Start Mushroom Cultivation)
हिरेशा का कहना है कि पूरे उत्तराखंड का जलवायु खेती के लिए उपयुक्त नहीं है, इस जगह पर पारंपरिक तौर से खेती नहीं की जा सकती है. लेकिन आपदा में उन महिलाओं की मदद हेतु उन्होंने इस मशरूम की फसल को बंद कमरे में तैयार करने की ठानी और फिर उन्होंने इन बेसहारा महिलाओं से बात कर उनके खाली घरों में आर्गेनिक तरीके से मशरूम की खेती करानी शुरू कर दी.
कम लगात के साथ कमा रही अच्छा मुनाफा (Earning Good Profit with Low Cost)
हिरेशा का कहना है की जब 2013 में उन्होंने सर्वेंट क्वार्टर में ऑयस्टर के साथ 25 बैग के साथ मशरूम की खेती शुरू की थी इस दौरान उन्होने 2000 रुपये की लागत लगाई और 5000 रुपये तक का मुनाफा हासिल किया. इससे उत्साहित हिरेशा ने कृषि विज्ञान केंद्र, देहरादून बकायदे मशरूम की खेती का प्रशिक्षण लिया. हिरेशा कहती हैं कि आज इसी मशरूम की खेती से वे 1.5 करोड़ रुपये का सलाना मुनाफा कमा रही हैं.
वर्तमान में लोगो को दे रही रोजगार (Presently Giving Employment to People)
हिरेश का कहना है वह मशरूम की खेती से वर्तमान समय में 15 लोगों को रोजगार प्रदान कर रही हैं और 2,000 से अधिक महिलाओं को प्रशिक्षित कर चुकी हैं. अब वह मशरूम की शिताके और गनोडर्मा जैसे औषधीय प्रजाति भी उगाने लगी हैं, जो कैंसर रोधी, वायरल के खिलाफ एंटी-ऑक्सीडेंट हैं.