पंजाब, एक राज्य है जिसे "बाउल ऑफ़ इंडिया" (Bowl of India) का दर्जा दिया गया है. यह न केवल अपनी खाद्य आवश्यकताओं को पूरा करता है, बल्कि अन्य राज्यों को भी भोजन की आपूर्ति करता है. वहीं, देश के नागरिकों का पेट भरने वाले किसानों में से एक हैं चन्नन सिंह सरन (Channan Singh Saran), जो तरनतारन साहिब जिले, तहसील पट्टी के रहने वाले हैं. यह राज्य में "स्मार्ट किसान" (Smart Farmer) के नाम से भी जाने जाते हैं अब ऐसा क्यों है आइये जानते हैं इस लेख में.
मुनाफे वाली फसलें
चन्नन सिंह ने बताया कि, तरनतारन साहिब सीमा पर है और अपनी उपज बेचने के लिए आसपास कोई बड़ी मंडियां नहीं हैं. ज्यादातर किसान इसी वजह से गेहूं (कनक) की फसल पर काम करते हैं. इन्होंने 2013 में सब्जियों की खेती से शुरुआत की, गाजर के साथ जो उनकी मुख्य फसल है. यह शलजम, फूलगोभी और मूली भी उगाते हैं जो उनकी मुख्य सर्दियों की फसलें हैं. इसके अतिरिक्त, चन्नन सिंह गर्मियों में भिंडी, करेला, सेब लौकी, तरबूज और खरबूजे भी उगाते हैं. तरनतारन के लिए गेहूं (Wheat) मुख्य व्यवसाय है, लेकिन वहां किसान साइड बिजनेस के रूप में सब्जियां उगा सकते हैं.
सरन सब्जी फार्म ब्रांड
इनका ब्रांड का नाम "सरन सब्जी फार्म" (Saran Vegetable Farm) है, जिसे 2013 में शुरू किया गया था. चन्नन, पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) किसान क्लब और ऑर्गेनिक क्लब के सदस्य भी हैं. साथ ही, इन्हें स्थानीय कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) में प्रशिक्षित किया गया है जिसके बाद से यह लगातार खेती बाड़ी कार्यालय के संपर्क में रहते हैं.
चन्नन ने कहा कि, हम सभी जानते हैं कि मंडियों में हमें क्या रेट मिलेंगे और हमारी उपज कितनी बिकेगी. जिसके चलते, इनके उत्पाद न केवल स्थानीय मंडी में बल्कि पठानकोट, जम्मू में भी बेचे जाते हैं. यह अपने उत्पादों को ज़्यादा से ज़्यादा बेचने की कोशिश करते हैं. बता दें कि इनका खेत शहर के बगल में हैं और अच्छी गुणवत्ता के कारण इनके नियमित ग्राहक हैं, जो इन पर बेहद भरोसा करते हैं और सब्जियां सीधे खेत से ही इकट्ठा कर खरीदने आ जाते हैं.
इसके अतिरिक्त, शहर में इनका एक दोस्त है, जो इनकी उपज की आपूर्ति करता है और वह अपने स्टोर के माध्यम से बिक्री में चन्नन की मदद करता है. यह दुकान के बगल में ही अपना ट्रैक्टर व ट्रॉली लगा देते हैं और लोगों को फटाफट ताजी सब्जियां बेच देते हैं.
जैविक खेती में है रूचि
ख़ास बात यह है कि चन्नन सिंह सरन जैविक खेती (Organic Farming) भी करते हैं. इन्होंने अपनी 5 एकड़ जमीन को जैविक तरीकों की खेती के लिए समर्पित की हुई है. ऐसे में, जहां यह एक तरफ ताज़ी सब्जियों की बिक्री करते हैं वहीं दूसरी और इनके जैविक सब्जी को खरीदने वाले ग्राहक भी बंधे हुए हैं. आज के समय में जिस तरह से जैविक उत्पादों की मांग है उसको देखते हुए इन्हें अपनी फसलों के अच्छे दाम मिल जाते हैं. बता दें कि यह अपनी जैविक फसलों को उचित दर पर बेचते हैं जिससे इनके ग्राहक हमेशा संतुष्ट रहते हैं.
साथ ही, यह हर किसी की तरह ही अपने क्षेत्र में गेहूं उगाते हैं, लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इसमें से कुछ को जैविक रूप से उगाया जाता है. इसके अलावा, यह देसी बासमती भी उगाते हैं, जो शुद्ध और जैविक होते हैं. बता दें कि इनकी यह फसल पंजाब एग्रो (Punjab Agro) द्वारा प्रमाणित भी है और इस उत्पाद के नियमित ग्राहक भी हैं.
बिचौलियों की करें छुट्टी
चन्नन कहते हैं कि किसानों को अपनी सर्दी और गर्मी की फसलों की पूरे मौसम देखभाल करनी चाहिए. इस कड़ी में यह गेहूं उगाने के साथ बागवानी में भी अपनी रूचि रखते हैं. जी हां, इन्होंने अपने 5 एकड़ के खेत में नाशपाती लगाई हुई है. वह अपने साथी किसानों को विविधता लाने का सुझाव देते हैं. यह कहते हैं कि किसानों को गेहूं की खेती को नहीं छोड़ने चाहिए, बल्कि अपनी मौजूदा फसलों के साथ-साथ सब्जियां और फल भी उगाना चाहिए. साथ ही, आप सरसों का भी चयन कर सकते हैं. सरसों को कच्चा बेचने के साथ किसान भाई इससे तेल भी निकाल सकते हैं, जिससे वह अपनी आय में अधिक बढ़ोत्तरी कर सकते हैं.
चन्नन ने किसानों को यह सुझाव दिया कि, वह अपना ब्रांड स्थापित करें (Create your own brand) और सभी उत्पादों को अपने ब्रांड नाम से मार्केट में बेचें. इसके पीछे की वजह यह है कि चन्नन का मानना है "मंडियों में बेचोगे तो लूटोगे", इसलिए अपना ब्रांड अपने मुताबिक बेचें और मुनाफा कमाएं.
रसायन मुक्त भविष्य की योजनाएं
भविष्य के लिए उनकी योजना है कि वह बागवानी (Horticulture) के साथ और अधिक काम करना चाहते हैं. साथ ही, अधिक फलों के बागानों को बढ़ाना और फैलाना चाहते हैं. अपने फलों के बगीचों में उन्होंने नाशपाती, आड़ू और प्लम के पौधे लगाए हैं, जो 2 साल में फल देना शुरू कर देते हैं. ख़ास बात यह है कि चन्नन हमेशा बिचौलियों के माध्यम से नहीं बल्कि सीधे अपने द्वारा फल बेचते हैं. इनका कहना है कि कुछ ग्राहक जैविक उत्पादों के लिए अग्रिम भुगतान करने को भी तैयार हैं.
चन्नन सिंह कहते हैं कि, रसायन हमारी जमीन और फसलों को बर्बाद कर रहे हैं. हम जिन बीमारियों से पीड़ित हैं उनमें से अधिकांश इन जहरीले रसायनों के कारण होती हैं. हालांकि, आप इन फसलों को सस्ते में खरीद लेते हैं, लेकिन अस्पताल में भुगतान कर देते हैं. फसलों को कीटों और कीड़ों से बचाने के लिए अधिकांश फसलों पर रसायनों का छिड़काव (Chemical Farming) किया जाता है, लेकिन ये मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं. समय और मेहनत के कारण जैविक भोजन महंगा है, लेकिन यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा है.
खेती के लिए तकनीक
यह DSR, 'डायरेक्ट सोइंग राइस' के साथ भी काम करते हैं, जिसे इन्होंने 2013 में 2 एसर पर शुरू किया था. शुरूआती 2 वर्षों में इन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था. जिसमें, पहले वर्ष में खरपतवारों की समस्या का सामना करना पड़ा, जिसको मैन्युअल रूप से तोड़ने के लिए इन्हें श्रम में भारी निवेश करना पड़ा था. इसलिए, यह अपने साथी किसानों को डीएसआर रिकमेंड करते हैं, क्योंकि इस प्रकार की खेती के लिए मुख्य निवेश सिंचाई में है और श्रम आजकल महंगा है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सभी मिट्टी डीएसआर के लिए उपयुक्त नहीं हैं. आपको इसको उपयोग में लाने से पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि आपके खेत में कौन-सी मिट्टी है.
आखिर में चन्नन सिंह सरन, किसान भाइयों को यह संदेश देते हैं कि, आप रसायनों से बचें क्योंकि ये खेती हमारे स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हैं. यह रसायन हमारी मिट्टी के पीएच स्तर (pH Level) को नष्ट कर देते हैं. आपको लाल नहीं बल्कि हरे निशान वाले उत्पाद उगाने चाहिए और सिंचाई (Irrigation) में सावधानी बरतनी चाहिए.