महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने किया Tractor Ke Khiladi प्रतियोगिता का आयोजन, तीन किसानों ने जीता 51 हजार रुपये तक का इनाम Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 27 June, 2019 4:55 PM IST

कुछ लोग खेती-बाड़ी  से दूर भागते हैं लेकिन कुछ लोग खेती को अपनी जिंदगी बना चुके है और मेहनत करके कुछ अच्छा करने की कोशिश में लगे हुए है. गुजरात में कई किसान मेहनत करके सोने से कम नहीं कमा रहे है. उनकी फसलों से लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की कमाई होती है. गुजरात के बनसकांठा जिले के एक विकलांग किसान गेनाभाई दरभगाभाई पटेल अनारों की खेती करने का कार्य करते है.दरअसल उन्होंने सालभर अनारों की पैदावार की है जिससे उनको 90 लाख रूपये तक की कमाई हुई है. इतना ही नहीं गेनाभाई की देखा-देखी उन्हीं के गांव के करीब 150 किसान 1500 बीघा जमीन में अनार-बागवानी करने लग गए हैं.

7 सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार आए विकलांग की झोली में

गेनाभाई दरभगाभाई पटेल बनासकांठा के लाखणी के सरकारी गोरिया गांव के रहने वाले है. इनकी उम्र 53 वर्ष है. उन्होंने एसएससी तक पढ़ाई की. वह 15 साल से खेती-बाड़ी में सक्रिय है. वह लगातार 9 सालों से अनार की खेती कर रहे है. 2009 में उन्हें अनार की खेती के लिए ही सर्वश्रेष्ठ किसान का पहला पुरस्कार मिला था. 2012 में उनको राज्य के सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार से नवाजा गया है. अभी तक उनकी झोली में 7 सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार आ चुके हैं.

बनासकांठा ने बनाए रिकॉर्ड

आज बनासकांठा अनार का निर्यात श्रीलंका, मलेशिया, दुबई और यूएई जैसे देशों में किया जाता है. इसमें गेनाभाई का भी अहम योगदान रहा है. पिछले बारह वर्षों में लगभग 35 हजार हेक्टेयर में तीन करोड़ से ज्यादा अनार की खेती की गई है. यह जिला बागवानी में काफी अव्वल रहा है.अनार की फसल ने बनासकांठा जिले के किसानों के जीवन स्तर में काफी सुधार किया है और साथ ही ड्रिप सिंचाई में बखूबी नाम कमाया है.

पहली बार में लगे 6 हजार पौधे

महाराष्ट्र के नासिक जिले के किसान अनार की फसल को देखने के लिए बनासकांठा जिले का रूख कर रहे है. सरकार ने भी आज पूरे राज्य में पद्म गांव के रूप में सराहा है. इसका श्रेय लोग गेनाभाई को देते है. गेनाभाई कहते है कि मैंने सर्वप्रथम वर्ष 2004 में अनार की खेती के बारे में सोचा था. अपनी महाराष्ट्र की यात्रा के दौरान उन्होंने अनार की खेती करने का निर्णय ले लिया. उनको शुरू में थोड़ी हिचकिचाहट थी क्योंकि वह बचपन से ही विकलांग थे. उन्होंने दृढ़ता के साथ खेती करने का निर्णय लिया और महाराष्ट्र  से लेकर  एक जैसे 6 हजार पौधों को लगाया जिस पर उन्होंने शुरूआत में डेढ़ लाख रूपए खर्च किया था.

राजस्थान सरकार ने भी दिए पुरस्कार

राजस्थान सरकार ने पुरस्कारों के साथ ही लाखों रूपये की मदद गेनाभाई पटेल को दी है. वह राजस्थान प्रदेश के मूल निवासी है और उनका परिवार भी यही रहता है. उनके परिवार के सदस्यों ने भी गुजरात में अनार की खेती को देखने का कार्य किया है. गेनाभाई ने बाड़मेर और झालोंर जिले के किसानों को 250 हेक्टेयर में अनार की खेती करने में मदद की है. राजस्थान की सरकार ने उनको कई पुरस्कार दिए है.

English Summary: Divya Kisan is earning millions of rupees by cultivating pomegranate
Published on: 27 June 2019, 05:00 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now