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Updated on: 25 November, 2024 5:12 PM IST
डेयरी किसान डॉ. विनय सांगवान अपनी माँ रेणु सांगवान के साथ, फोटो साभार: कृषि जागरण

Success Story: हरियाणा के झज्जर जिले के खरमाण गांव की रहने वाली प्रगतिशील डेयरी फार्मर रेनू सांगवान अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से न केवल खुद को आत्मनिर्भर बना चुकी हैं, बल्कि हजारों किसानों और महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं. उनके द्वारा डेयरी फार्मिंग में अपनाए गए नवाचार और परिश्रम ने उन्हें देशभर में पहचान दिलाई है. आज उनका नाम किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए एक मिसाल बन चुका है.

रेनू सांगवान को उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए 26 नवंबर 2024 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार 2024 (National Gopal Ratna Puraskar 2024) से सम्मानित किया जाएगा. यह पुरस्कार दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में भारत सरकार द्वारा दिया जाएगा. इसके साथ ही, उन्हें कृषि जागरण द्वारा मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड-2024 से भी सम्मानित किया जाएगा, जो 3 दिसंबर 2024 को पूसा, नई दिल्ली में दिया जाएगा.

यह उपलब्धियां न केवल उनके प्रयासों का सम्मान है, बल्कि हर उस किसान के लिए प्रेरणा है जो खेती और पशुपालन के क्षेत्र में आगे बढ़ने का सपना देखता है. ऐसे में आइए उनकी सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं-

गोकुल फार्म श्रीकृष्ण गोधाम: आत्मनिर्भरता की कहानी

रेनू सांगवान के बेटे डॉ विनय सांगवान ने कृषि जागरण से विशेष बातचीत में बताया कि उन्होंने 2017 में अपनी डेयरी फार्मिंग यात्रा की शुरुआत की. उनके पास शुरुआती दिनों में सिर्फ 9 देसी गायें थीं, लेकिन आज उनके फार्म पर 280 से अधिक गायें हैं. उनके फार्म का नाम गोकुल फार्म श्रीकृष्ण गोधाम है, जो पूरे देश में आदर्श डेयरी फार्म के रूप में देखा जाता है.

गाय के बछड़े के साथ डेयरी किसान डॉ. विनय सांगवान, फोटो साभार: कृषि जागरण

उन्होंने देसी नस्लों की गायों जैसे- साहीवाल, गिर, राठी, थारपारकर, और हरियाणा पर भरोसा किया. इन गायों का दूध न केवल स्वास्थ्यवर्धक होता है, बल्कि इनकी देखभाल में भी हाइब्रिड नस्लों की तुलना में कम खर्च आता है. उन्होंने गायों के लिए प्राकृतिक वातावरण तैयार किया, जिसमें गायें खुले चारागाह में घूमती हैं और हरा-भरा चारा खाती हैं.

देसी गायों का महत्व और लाभ

प्रगतिशील किसान विनय सांगवान का मानना है कि देसी गायें न केवल दूध के लिए अच्छी होती हैं, बल्कि वे पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद हैं. उनकी देखभाल में कम खर्च होता है, और ये गायें कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर प्रदर्शन करती हैं. देसी नस्ल की गायों के दूध में औषधीय गुण पाए जाते हैं, जो उन्हें हाइब्रिड नस्लों से अलग बनाते हैं. उनका मानना है कि किसान अगर देसी नस्लों को बढ़ावा दें, तो वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकते हैं.

डेयरी किसान डॉ. विनय सांगवान नंदी (बैल) के साथ, फोटो साभार: कृषि जागरण

डेयरी उत्पादों का वैश्विक बाजार

विनय सांगवान ने बताया कि उन्होंने अपने डेयरी फार्मिंग व्यवसाय को न केवल दूध उत्पादन तक सीमित रखा, बल्कि उन्होंने दूध से बने उत्पाद जैसे- घी, पनीर, बर्फी और च्यवनप्राश को बाजार में उतारा. मौजूदा वक्त में उनके फार्म में बने घी की मांग न केवल भारत में, बल्कि 24 से अधिक देशों में है. उनका घी और अन्य उत्पाद उच्च गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध हैं. 2023-24 में उनके फार्म का कारोबार 3 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. यह उनकी और उनकी माता रेनू के दूरदर्शिता और मेहनत का परिणाम है.

डेयरी फार्मिंग के लिए तकनीकी नवाचार

रेनू सांगवान और उनके बेटे डॉ. विनय सांगवान ने अपने फार्म पर आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया है. डॉ. विनय सांगवान ने बताया कि उन्होंने गायों के लिए स्वचालित दूध दुहने की मशीनें और साफ-सफाई के लिए एडवांस उपकरणों का उपयोग किया है. उनके फार्म पर देसी नंदी (बैल) के वीर्य (सीमन) का उत्पादन और बिक्री भी होती है. यह नस्ल सुधार कार्यक्रमों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार विजेता रेणु सांगवान, फोटो साभार: कृषि जागरण

डेयरी फार्मिंग के लिए किसानों को सुझाव

डॉ. विनय सांगवान का कहना है कि फार्म की सफलता का मुख्य कारण गायों का सही प्रबंधन और उनकी उचित देखभाल है. उन्होंने कृषि जागरण से बातचीत में डेयरी फार्मिंग में सफलता के लिए कुछ अहम सुझाव दिए हैं:

1. देसी नस्लें अपनाएं: हाइब्रिड नस्लों की जगह देसी नस्ल की गायों को प्राथमिकता दें.
2. स्वास्थ्य पर ध्यान दें: गायों के नियमित टीकाकरण और उनके खाने-पीने की सफाई का ध्यान रखें.
3. पौष्टिक आहार दें: गायों को संतुलित आहार और हरा चारा खिलाएं.
4. छोटे स्तर से शुरुआत करें: कम गायों के साथ शुरुआत करें और अनुभव प्राप्त करने के बाद इसे बढ़ाएं.
5. स्थायी और प्राकृतिक तरीकों का उपयोग करें: गायों की देखभाल में प्राकृतिक तरीके अपनाएं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो.

चुनौतियां और उनका समाधान

प्रगतिशील किसान रेनू सांगवान और डॉ. विनय सांगवान ने अपने सफर में कई चुनौतियों का सामना किया. शुरुआती दिनों में उनके पास संसाधनों की कमी थी, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. उन्होंने गायों की देखभाल और प्रबंधन के नए तरीकों को अपनाया.

डेयरी फार्मिंग में सबसे बड़ी चुनौती गायों को बीमारियों से बचाना होता है. डॉ. विनय सांगवान  ने इसे समझा और गायों के टीकाकरण और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया. इसके अलावा, उन्होंने उच्च गुणवत्ता वाले चारे का उपयोग किया, जिससे गायों का स्वास्थ्य बेहतर बना रहा.

भविष्य की योजनाएं

रेनू सांगवान और डॉ. विनय सांगवान का सपना है कि देश का हर किसान देसी गायों को अपनाए और उनकी देखभाल में आधुनिक तकनीकों का उपयोग करे. वे चाहते हैं कि किसान दूध उत्पादन के साथ-साथ उससे जुड़े अन्य उत्पादों को भी बाजार में लाएं, ताकि उनकी आय बढ़ सके.

English Summary: Dairy Farmer Renu Sangwan to Receive National Gopal Ratna Award 2024, Annual Turnover Over 3 Crores!
Published on: 25 November 2024, 05:29 PM IST

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