Aaj Ka Mausam: देश के इन 3 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, जानें अगले 4 दिन कैसा रहेगा मौसम? Kisan Credit Card: किसानों को अब KCC से मिलेगा 5 लाख रूपये तक का लोन, जानें कैसे उठाएं लाभ? Farmers News: किसानों की फसल आगलगी से नष्ट होने पर मिलेगी प्रति हेक्टेयर 17,000 रुपये की आर्थिक सहायता! Rooftop Farming Scheme: छत पर करें बागवानी, मिलेगा 75% तक अनुदान, जानें आवेदन प्रक्रिया भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ महिलाओं के लिए तंदुरुस्ती और ऊर्जा का खजाना, सर्दियों में करें इन 5 सब्जियों का सेवन ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Wheat Farming: किसानों के लिए वरदान हैं गेहूं की ये दो किस्में, कम लागत में मिलेगी अधिक पैदावार
Updated on: 19 December, 2020 5:06 PM IST
Organic Farming

प्रोफेशनल कोर्स की पढ़ाई करने के बाद आज देश का युवा खेती की ओर बढ़ रहा है. अब उत्तर प्रदेश के महराजगंज के तीन युवाओं ने एमबीए, बीएससी और बीकॉम जैसे प्रोफेशनल सब्जेक्ट की पढ़ाई करके के खेती किसानी की ओर  रुख किया है. तीनों ने सामूहिक रूप से सब्जियों की ऑर्गनिक खेती शुरू की. कुछ ही महीनों की मेहनत से तीनों ने 10 लाख रुपये की कमाई की. तो आइए जानते हैं तीनों की सफलता की कहानी-

आधुनिक खेती को अपनाया

परंपरागत खेती की बजाय तीनों दोस्त ने आधुनिक खेती को अपनाकर लगभग 5 एकड़ जमीन में ऑर्गनिक तरीके से सब्जियां लगाई. जिसे वे अधिक दाम में उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों जैसे जौनपुर, बनारस और प्रयागराज में बेचा. जिससे उन्हें 10 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा मिला. इसके लिए तीनों दोस्त ने स्थानीय उद्यान विभाग की मदद ली. उन्होंने भिंडी, नेनुआ, बट्टी फल, खीरा के अलावा अन्य मौसमी सब्जियां उगाई.   

कृषि यंत्र अनुदान पर लिए

एमबीए की डिग्री ले चुके दुर्गेश का कहना है कि उन्होंने उद्यान विभाग से अनुदान पर आवश्यक कृषि यंत्र लिए. इसके चलते खेती की लागत कम हुई और मुनाफा बढ़ गया. महज छह महीने बाद ही उन्होंने अपनी सब्जियों और फलों को बाज़ार पहुंचाना शुरू कर दी. युवा फॉर्मर वरुण शाही ने बताया कि उन्होंने सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जिसके चलते मजदूरी, बीज और पानी पर होने वाला खर्च काफी कम हो गई. 

लॉकडाउन में सोशल मीडिया का उपयोग

बता दें कि तीनों दोस्त अपने अनुभव के हिसाब से काम करते हैं वरुण शाही खेतों की जुताई और अन्य सम्बंधित काम देखते हैं. जबकि आदित्य बुवाई, सिंचाई और कीट प्रबंधन से लेकर कटाई तक का काम संभालते हैं. जबकि एमबीए करने वाले साथी सब्जियों और फलों की मार्केटिंग का काम देखते हैं. आदित्य का कहना है कि जब लॉकडाउन को गया उस समय उन्होंने सोशल मीडिया का उपयोग करके अपनी सब्जियां बेचीं. उन्होंने लोगों को वाजिब दाम में घरों तक सब्जियां पहुंचाई.

टपक सिंचाई को अपनाया

आदित्य शाही ने बताया कि वह इतना अच्छा मुनाफा इसलिए ले पाए, क्योंकि उन्होंने सिंचाई के लिए टपक विधि को अपनाया. जहां पहले वे एक एकड़ से खर्च निकालकर सिर्फ 30 हजार रुपये ही कमा पाते थे वहीं अब दोगुनी आमदानी हो रही है. 

विदेश छोड़कर गांव आए थे अवतार सिंह, आज गुड़ बनाकर कमा रहे हैं लाखों

English Summary: Cultivation of organic vegetables earns 10 lakh rupees in 6 months
Published on: 19 December 2020, 05:19 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now