Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 26 June, 2022 6:08 PM IST
cow dung is a new way for womens to self employed

भारतीय परंपरा में गाय को बड़ा ही पवित्र और पूज्यनीय माना गया है यहां पर लोग इसकी पूजा करते हैं और भगवान के बराबर मानते हैं. गाय के दूध से कई सारे प्रोडक्ट्स बनते हैं जैसे- दही, घी, मक्खन, पनीर इत्यादि और इनका इस्तेमाल हम अपने जीवन में कई प्रकार से करते हैं. और साथ ही गाय के गोबर का हम इंधन के रूप में इस्तेमाल करते हैं.    

लेकिन आज के इस लेख में गाय के गोबर से जुड़े हम एक विषय के बारे में बात करने जा रहे हैं जो कि किसी को भी सोचने पर मजबूर कर सकता है, वो है गाय के गोबर से बनने वाले आभूषण, इस बात को कई लोग शायद पहली बार सुनने पर भरोसा ही न करें लेकिन यह सत्य है.

ये भी पढ़ें:गोबर से पेट संबंधी रोग भगाएं और पाए इन समस्याओं से बचाव

दरअसल, मूलरूप से बिहार के समस्तीपुर जिले की रहने वाली महिला प्रेमलता ने गाय की उपयोगिता को प्रेरणा मानकर लोगों तक एक संदेश पहुंचाने का काम किया है. उन्होंने गाय के दूध से बनने वाले डेरी प्रोडक्ट से लेकर गोबर तक की उपयोगिता को आम लोगों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है. प्रेमलता लगभग 30 वर्षों से अलग-अलग राज्यों व छोटे-छोटे गांव, कस्बों में जाकर वहां की महिलाओं और बेरोजगार लोगों को गोबर की उपयोगिता के बारे में बताती है. उस गोबर का उपयोग कर आभूषण बनाकर दिखाती है और लोगों को आत्मनिर्भर होने की ओर प्रेरित भी करती है.

प्रेमलता ने गोबर से बनाए हैं 2000 से ज़्यादा प्रोडक्ट्स

प्रेमलता ने गोबर से अभी तक 2000 से ज़्यादा प्रोडक्ट्स को बनाकर तैयार किया है जो कि पर्यावरण के दृष्टिकोण से ऑर्गेनिक और हाइजीनिक हैं. जिसमें ज्वेलरी से लेकर घर में इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं, पूजा हवन की जरूरत की चीजें धूप, अगरबत्ती, घर को सजाने के लिए मूर्तियां, गोबर की ईटें, चप्पल ,घड़ियां ,खिलौने, कान की बाली, गले का हार, हाथ के चूड़ी, कंगन ,हेयर क्लिप से लेकर कई सारे आइटम शामिल हैं.

प्रेमलता की आभूषण बनाने की यह कला बड़ी ही अद्भुत है उन्होंने इसके ज़रिए न केवल खुद को आत्मनिर्भर किया है बल्कि बिहार के अलग-अलग हिस्सों में जाकर वहां की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया है. 

English Summary: cow dung is a new way for womens to self employed
Published on: 26 June 2022, 06:15 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now