कहा जाता है कि व्यक्ति अगर एक बार जो मन में ठान लें और उसे करने के पीछे पड़ जाए तो वह जल्द ही पूरा हो जाता है. ऐसा ही कुछ कारनामा बिहार के मधुबनी में रहने वाले किसान अशोक कुमार ने किया है. पहले बिहार के मधुबनी में रहने वाले अशोक सिर्फ मछली बीज का उत्पादन करते थे फिर उन्होंने नए जमाने में नए तरीके से खेती के महत्व को समझ लिया है. आज इसके जरिए सालाना 50 लाख रूपये कमा लिए जाते है. उन्होंने कुल संसाधनों से लगभग 50 लाख रूपये की आमदनी होती है और कुल 25 लाख रूपये खर्च हो जाता है. इस तरह से अशोक को 25 लाख की शुद्ध आय होती है. इनकी इस तरह की उपलब्धियों के चलते राज्य सरकार कई बार इनकों पुरस्कार से सम्मानित भी कर चुकी है. नए जमाने की खेती
किसान समेकित कृषि समेकित प्रणाली एक ऐसी प्रणाली होती है जिसमें फसल के उत्पादन, मवेशी पालन, सब्जी, मछली पालन और वानिकी का इस प्रकार समायोजन किया जाता है. इसके कारण वह एक दूसरे के पूरक हो जाते है. इस तरह से किसान अपनी आमदनी को आसानी से बढ़ा लेता है और आमदनी कई गुना हो जाती है. अशोक कुमार सिंह भी अपनी पुस्तैनी जमीन में विभिन्न प्रकार की फसलों के बाद बागवानी, पशुपालन और मछलीपालन भी कर रहे है और अच्छी आमदनी को कमा रहे है. इनके इस काम के चलते दूसरे किसानों को भी राह दिखाई दी है. यह मुख्य रूप से मछली बीज को बेचकर तैयार करते है.
तैयार कर रहे आलू व सब्जी
यह पांच एकड़ के क्षेत्र में धान और गेंहू, डेढ़ एकड़ में आलू और सब्जियों में खेती और अन्य सभी तरह के पशुपालन के कार्य को करते है. इतना ही नहीं वह मछली पालन के साथ मखाने की खेती भी कर रहे है. वह तालाबों की मेड़ों पर लत्तर वाली सब्जियों की खेती कर रहे है. वह अन्य पशुओं के खाद से मिलने वाले गोबर से बायोगैस और वर्मीकंपोस्ट बनाते है. अशोक कुमार बता रहे है कि इस तरह से सालाना कुल संसाधनों से लगभग 50 लाख रूपये की आमदनी होती है. इससे 25 लाख रूपये खर्च भी हो जाता है.