खेती किसानी बहुत मेहनत का काम है. सालभर मेहनत करने के बाद किसानों को फसल के दाम मिलते हैं. कम अवधि वाली फसलों में किसानों को साल में दो से तीन बार पैसा मिल जाता है. ऐसे में किसानों को खेती के लिए आवश्यक खाद, बीज और उर्वरक समेत अन्य खर्चों के लिए कर्जा लेना पड़ता है. ऐसे में बैंकों और इंश्योरेंस कंपनियों की जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है. यह कहना है बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी के प्रेसिडेंट एंड हेड (एग्री बिजनेस) आशीष अग्रवाल का.
कृषि जागरण के वर्चुअल प्रोग्राम में आशीष अग्रवाल ने बताया कि विभिन्न बैंकों की यह जिम्मेदारी होती है कि जब किसानों को खेती के लिए पैसों को जरुरत पड़े तब उन्हें पैसा उपलब्ध कराए. वहीं केंद्र सरकार भी समय-समय पर किसानों के लिए अच्छी पहल कर रही है. इसके लिए सरकार ने नाबार्ड का गठन किया हुआ है जिसका उद्देश्य कृषि क्षेत्र और रूरल डेवलपमेंट के लिए फायनेंस मुहैया कराना है. इसके लिए केंद्र सरकार ने बैंकों को साफ निर्देश दिए है कि रूरल एरिया में उनकी तय ब्रांच हो ताकि किसानों को लोन में किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े.
क्रेडिट कार्ड किसानों के लिए फायदेमंद
एग्री बिजनेस, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी के प्रमुख आशीष अग्रवाल का कहना है कि सरकार किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा दे रही है. आज देश के 7.5 करोड़ किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है.जिससे किसानों को शॉर्ट टर्म लोन आसानी से मिल जाता है. किसान क्रेडिट कार्ड पर किसानों को फसल के आधार पर लोन मिलता है. वहीं इससे किसानों को खाद, बीज और कृषि यंत्रों के लिए भी आसानी से लोन मिल जाता है. जिन किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड है उनका फसल बीमा भी आसानी से हो जाता है.
जनधन योजना का फायदा
आशीष अग्रवाल ने कृषि जागरण के प्रोग्राम में आगे बताया किपिछले कुछ समय में रूरल एरिया में बैंकों की सक्रियता काफी बढ़ गई है. इसकी एक वजह सरकार की जनधन योजना को माना जा सकता है. जनधन खाते की वजह से किसानों को सरकारी योजनाओं का पैसा सीधे उनके खाते में पहुंचाया जाता है. जबकि कुछ सालों पहले तक किसानों को सरकारी योजनाओं का पैसा बिचौलियों के जरिए पहुंचता था. जिससे किसानों को उनके हक़ का पूरा पैसा नहीं मिल पाता था. लेकिन अब सीधे किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिल जाता है. ऐसे में माना जा सकता है कि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत करने में बैंक सहयोगी साबित हो रहे हैं.
प्रधानमंत्री बीमा योजना का लाभ
इसके अलावा सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना चला रही है. यह योजना पिछले चार सालों से चल रही है. इस योजना का उद्देश्य यह है कि जब किसी प्राकृतिक या आपदा अन्य किसी कारण से फसल बर्बाद हो जाए तो किसानों पर किसी तरह का वित्तीय भार न पड़ें. इस योजना के तहत हर साल करीब 5 करोड़ किसान अपनी फसल का बीमा करवाते हैं. इस योजना के अंतर्गत सभी तरह की फसल का बीमा कराया जा सकता है. इसका नोटिफिकेशन राज्य सरकारों द्वारा जारी किया जाता है. खरीफ और रबी सीजन के लिए अलग-अलग बीमा कराना होता है. इसके लिए किसानों को सीजन के अनुसार निश्चित प्रीमियम भरना पड़ती है और प्रीमियम की शेष राशि केंद्र और राज्य सरकारें जमा करती है. जैसे खरीफ सीजन के लिए किसानों को क्लेम की 2 प्रतिशत राशि और रबी सीजन के लिए क्लेम की 1.5 प्रतिशत राशि देना होती है.