खेती को लेकर किसानों (farmers) का नजरिया बदल रहा है. अब यह सिर्फ उनके लिए आजीविका का ही नहीं लाभ कमाने का भी एक जरिया बन चुका है. पहले जिन फसलों का उत्पादन करने में वे रुचि नहीं दिखाते थे, अब उनकी खेती पूरी उमंग और उत्साह के साथ कर रहे हैं.
ग्रीन गोल्ड (green gold) कही जाने वाली बांस की खेती किसानों के लिए कमाई के द्वार खोल सकती है. पिछले कुछ समय से बांस की खेती का ट्रेंड बढ़ गया है. इस खेती में कम मेहनत और ज्यादा मुनाफे की संभावनाएं हैं. आजकल बांस की मांग बहुत बढ़ने लगी है लेकिन खेती करने वाले कम हैं इसीलिए ज्यादा लाभ कमाया जा सकता है.
सदाबहार है बांस की खेती
बांस की खेती (bamboo cultivation) करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह किसी भी मौसम में खराब नहीं होती. इसे एक बार लगा कर कई सालों तक उपज प्राप्त की जा सकती है.
कितना है बांस उत्पादन का खर्च
बांस के 1 पौधे को उगाने का खर्चा 3 साल में लगभग 250 रुपये है. एक हेक्टेयर जमीन में 600 से 650 पौधे उगाए जा सकते हैं. बांस का पौधा किसी भी नर्सरी से खरीदा जा सकता है. यह आसानी से सुलभ हो जाता है. कुछ एक्टर जमीन पर बांस की खेती से 3 - 4 साल में लाखों रुपए कमाए जा सकते हैं.
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कब करें रोपाई
जुलाई माह में बांस के पौधे की रोपाई करना सबसे अच्छा रहता. है 3 महीनों में ही यह पौधा बढ़ना शुरू कर देता है, बस समय-समय पर बांस के पौधे की काट - छांट करनी जरूरी है इस फसल को तैयार होने में 3 से 4 साल का समय लगता है.
क्या है कटाई का उपयुक्त समय
बांस के पौधे की कटाई के लिए अक्टूबर से दिसंबर तक का समय उपयुक्त है. केंद्र सरकार ने भारत में बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2007 में राष्ट्रीय बांस मिशन की शुरुआत की थी.