तकनीक की मदद से दुनिया हर दिन तेजी से आगे बढ़ रही है. कृषि क्षेत्र के विकास में भी टेक्नॉलजी ने अपनी अहम भूमिका निभाई है. यहां तक कि अब हवा से पानी निकालने की भी तकनीक सामने आ गई है. जी हां, इस बात पर यकीन करना मुश्किल तो है. लेकिन वैज्ञानिकों ने यह भी संभव कर दिखाया है. दरअसल, उन्होंने एक ऐसा सोलर पैनल बनाया है, जिसकी मदद से आज हम केवल हवा से पानी ही नहीं बल्कि कोई भी अनाज या फसल बंजर जमीन पर भी उगा सकते हैं. इसका मतलब है कि उस सोलर पैनल के जरिए रेगिस्तान में भी खेती संभव है. तो आइए इस नायाब सोलर पैनल के बारे में विस्तार से जानें.
सऊदी अरब में तैयार हुआ यह सौर चलित सिस्टम
वैज्ञानिकों ने एकीकृत सौर-चालित प्रणाली (Integrated Solar Powered System) का निर्माण किया है. जो अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में भी फसलों को उगाने में सहायता कर सकता है. इसे सऊदी अरब के किंग अब्दुल्ला विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने तैयार किया है. इससे खेती के खर्चों में भी कमी आएगी. वहीं, इस टेक्नॉलजी के माध्यम से कम लागत में नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy) का निर्माण किया जा सकता है. यह उन लोगों के लिए लाभदायक, जो शुष्क क्षेत्रों में रहते हैं या जहां पानी की भारी कमी है. यह एक तरह का ऑल-इन-वन प्रणाली है जो खेती से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान कर सकती है.
विश्व में स्वच्छ पानी की कमी
दुनिया के सामने इस सोलर सिस्टम को प्रस्तुत करने के दौरान इस प्रोजेक्ट पर काम करने वाले अधिकारियों ने बताया कि आज भी कई जगहों पर स्वच्छ पानी या हरित ऊर्जा की कमी है. ये तकनीक स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग करके हवा से पानी बनाएगी. जिससे रेगिस्तान और समुद्री द्वीपों जैसे दूरस्थ जगहों पर खेती करने में आसानी होगी. उन्होंने बताया कि इस खास तकनीक को जल-बिजली-फसल सह-उत्पादन प्रणाली या WEC2P का नाम भी दिया गया है.
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वैज्ञानिकों ने किया ट्रायल
वैज्ञानिकों ने सऊदी अरब की शुष्क जलवायु में गर्मियों के दौरान इस तकनीक का परीक्षण भी कर लिया है. उन्होंने इस तकनीक का इस्तेमाल पालक की खेती में किया. चिलचिलाती धूप में भी उन्होंने 95 प्रतिशत तक सफलता हासिल कर ली. शोध के दौरान उन्होंने पाया कि दो हफ्तों में 60 में से 57 बीज अंकुरित हुए. इसके अलावा, वह केवल 2 लीटर पानी में सामान्य ऊंचाई तक बढ़े. जो एक तरह से बहुत बड़ी बात होती है.
दुनिया भर में इस्तेमाल होगी यह टेक्नॉलजी
इस टेक्नॉलजी पर काम करने वाले वैज्ञानिकों ने यह भी बताया कि अब वह स्वच्छ ऊर्जा, पानी और खाद्य उत्पादन के लिए एक इंटीग्रेटेड सिस्टम बनाने पर काम करेंगे. जिसमें एक टीम हाइड्रोजेल विकसित करने पर कार्य करेगी जो अधिक मात्रा में पानी उत्पन्न कर सकता है. इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दुनिया भर में उनके इस टेक्नॉलजी की मदद से खेती की जाएगी.
बता दें कि भारत में राजस्थान और हरियाणा सहित ऐसे कई इलाके हैं, जहां पानी की भारी कमी है. इसकी वजह से वहां खेती करने में मुश्किल होती है. ऐसे में यह टेक्नॉलजी किसानों की बड़ी मदद करेगी.