Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 21 February, 2019 6:09 PM IST

किसानों को बागवानी पर सब्सिडी मिलने लगी तो अब राजस्थान के किसान ज्यादा से ज्यादा बागवानी की ओर ध्यान दे रहे है. राजस्थान के झालावांड़ के 47 गांवों में बागवानी पर सब्सिडी के बढ़ने से किसान बागवानी के बारे में ही सोच रहे है. मनोहस्थाना क्षेत्र की 16 ग्राम पंचायतों के 47 गांव के किसान अब अनार, अमरूद और संतरे की ओर रूचि दिखाने लगे है. इस दुर्गम क्षेत्र में किसान अब अनार की पैदावार भी तेजी से करने लगे है. करीब 10 हेक्टेयर क्षेत्र में किसान अनार की पैदावार भी करने लगे है. इसके अलावा 30 हेक्टेयर क्षेत्र में संतरा और 15 हेक्टेयर में अमरूद भी होने लगे है.

किसानों को मिल रही सब्सिडी

बागवानी फसलों को लगाने के लिए किसानों को 75 तक सब्सिडी भी मिलती है. सब्सिडी के वजह से बागवानी से कई और किसान भी जुड़ते जा रहे है. दरअसल इस क्षेत्र में पहले किसान पानी की कमी के चलते किसी भी तरह की खेती नहीं कर पा रहे थे और संतरे की फसल का रकबा भी पूरी तरह से निचले स्तर पर था. उद्यान विभाग ने भी किसानों को जोड़ने के लिए कई तरह के काफी प्रयास किए है. यहां पर ड्रिप सिंचाई, मिनी सिप्रंकलर सिस्टम से सिंचाई करने पर किसानों को सब्सिडी दी गई है. साथ ही 18 हजार किसानों ने सौर ऊर्जा के उपकरण अपने खेत में लगवाए है. साथ ही कई हजार वर्ग किलोमीटर में पॉली हाउस लगे है.

English Summary: Increased subsidy in horticulture, where there is no fruit, orange and guava there
Published on: 21 February 2019, 06:12 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now