चिकन अपने बेहतरीन स्वाद के चलते हर नॉन-वेजिटेरियन का फेवरेट फूड माना जाता है. आज हम आपको ऐसे चिकन के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका स्वाद और गुण दोनों आम चिकन की तुलना में कई गुणा ज्यादा होता है. वहीं, मुर्गे की इस प्रजाति का पालन पोषण करके भी लाखों रूपए आसानी से कमाए जा सकते हैं. जी, हां हम बात कर रहे मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल झाबुआ जिले में पाए जाने वाले कड़कनाथ मुर्गे की. आपको जानकार हैरानी होगी कि महज 1000 हजार कड़कनाथ मुर्गे का पालन का करके आप लाखों रूपये की कमाई कर सकते हैं.
क्या है खासियत-
यह भारत का एकमात्र काले मांस का चिकन है. कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि सफेद रंग के चिकन की बजाय इसमें कोलेस्ट्राल की मात्रा बेहद कम होती है. जबकि अमीनो एसिड का स्तर अधिक होता है. देशी या बायलर मुर्गे की तुलना में यह काफी टेस्टी होता है. मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में यह पाया जाता है, जहां इसे कालीमासी के नाम से जाना जाता है. कड़कनाथ मुर्गे का मांस, खून, चोंच, अंडे, जुबान और शरीर सबकुछ काला होता है. इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है. वहीं वसा बेहद कम होता है. इसलिए यह हार्ट पेशेंट और डायबिटीज मरीजों के लिए फायदेमंद होता है. आपको जानकार हैरानी होगी कि भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली को भी इस चिकन लेने की सलाह दी गई थी.
कहां-कहां मिलता है-
यह मुख्यतः मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचल झाबुआ जिले में ही पाया जाता है. हालांकि अब कड़कनाथ मुर्गे की यह ब्रीड छत्तीसगढ़, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश और महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों में पाया जाने लगा है. इस मुर्गे की तासीर काफी गर्म किस्म की होती है. देशभर में इस मुर्गे की अच्छी खासी मांग होती है. इसकी तीन प्रजातियां होती है जिनमें जेड ब्लैक, पेंसिल्ड और गोल्डन कड़कनाथ शामिल है. जेड ब्लैक के पंख पूरी तरह काले होते है, पेंसिल्ड कड़कनाथ का आकार पेंसिल की तरह होता है. वहीं गोल्डन कड़कनाथ के पंखों पर गोल्ड के छींटे होते हैं.
कैसे करें पालन
कड़कनाथ मुर्गे का उत्पादन करके आप अच्छी खासी कमाई कर सकते है. यदि आप कड़कनाथ के 100 चुजों को पालते हैं तो इसके लिए आपको 150 वर्ग फीट जगह की आवश्यकता होगी. वहीं 1000 काले मुर्गो के चुजों के लिए 1500 वर्ग फीट जगह की जरूरत होगी. याद रहे चिकन गांव या शहर से बाहर ऐसी जगह हो जहां पानी, बिजली पर्याप्त मात्रा मिल सकें. कड़कनाथ चुजों और मुर्गियों के लिए ऐसा शेड बनाना चाहिए जिसमें पर्याप्त रोशनी और हवा जा सकें. वहीं यह ध्यान रहे कि दो शेड एक साथ नहीं होना चाहिए वहीं एक शेड में एक ही ब्रीड के चुजें रखना चाहिए. साथ ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कड़कनाक चूजों और मुर्गियों को अंधेरे या देर रात में खाना नहीं देना चाहिए.
900 रूपए प्रति किलो
कड़कनाथ मुर्गी के अंडे की मार्केट में काफी डिमांड रहती है. इसके एक अंडे की कीमत लगभग 50 रूपए होती है. वहीं कड़कनाथ मुर्गा प्रति किलो 900 से 1000 रूपए होती है. वहीं एक दिन के चूजे की कीमत 70 से 100 रूपए चुकानी पड़ती है. यदि आप 1 हजार कड़कनाथ चूजे पालते हैं तो आपकी आमदानी लाखों में चली जाती है.