कृषि और अन्य कार्यों के साथ कई ऐसे उद्योग है, जिनके द्वारा आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. ऐसे उद्योग में ज्यादा लागत की जरुरत भी नहीं होती है. इसी कड़ी में रेशम उद्योग को भी रखा गया है. यह एक ऐसा व्यापार है, जिसमें रेशम के कीड़ों का पालन करके रेशम उत्पादन कर सकते है. इससे काफी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है. यह कृषि पर आधारित उद्योग है. भारत में कई लोग इस उद्योग से अपनी जीविका चला रहे हैं. रेशम के कपड़े सभी लोगों को बहुत आरामदायक लगते है. रेशम के कपड़े सौन्दर्य को बढ़ाते है. यह एक प्रकार का महीन चमकीला रेशा होता है, जिससे कपड़ों को बुना जाता है. इसको तंतु कोश में रहने वाले कीड़े से तैयार किया जाता है. रेशम के उत्पादन के लिए रेशम के कीटों का पालन करना होता है. इससे सेरीकल्चर या रेशम कीट पालन कहा जाता है.
आपको बता दें कि भारत में रेशम उद्योग को एक प्रमुख कुटीर उद्योग का दर्जा मिला है. रेशम के कीड़े पालने के लिए शहतूत, गूलर, पलाश आदि के वृक्ष लगाना, कीड़े पालना, रेशम को साफ करना, सूत बनाना, कपड़ा बनाना आदि का कार्य शामिल है. ग्रामीण क्षेत्र में इस व्यवसाय को आसानी से शुरु किया जा सकता है.
रेशम उद्योग की विशेषताएं
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रेशम उद्योग कृषि पर आधारित कुटीर उद्योग है.
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इस उद्योग को ग्रामीण क्षेत्र में कम लागत में शुरु कर सकते है. इससे जल्दी उत्पादन प्रारंभ होता है
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इस उद्योग को कृषि एवं अन्य घरेलू कार्यों के साथ भी अपना सकते है. खास बात है कि इस उद्योग से महिलाएं अपने खाली समय का सदुप्रयोग कर सकती है.
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इसको सुखोनमुख क्षेत्रों में आसानी से किया जा सकता है. इससे अच्छी आय की प्राप्ती होती है.
रेशम की किस्में
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शहतूती रेशम
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गैर शहतूती रेशम
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एरी या अरंडी रेशम
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मूंगा रेशम
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ओक तसर रेशम
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तसर (कोसा) रेशम
रेशम उद्योग में आवश्यक सामग्रियां
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तिपाइयां ( ये लकड़ी या बांस की होती है)
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जाल – ( कपड़े के छोटे-छोटे जाल, जिससे बची पत्तियां तथा कीड़ों के मल को साफ किया जाता है)
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पत्तियां काटने के लिए चाकू की आवश्यकता होती है.
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आद्रतामापी की जरुरत.
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ऊष्मा उत्पादक ए कूलर.
ऐसे करें रेशम उद्योग
रेशम उद्योग करने के लिए कई बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है. बता दें कि कीटों को कमरे के अंदर पाला जाता है. सबसे पहले शहतूत के बैग लगाएं. इससे कीटों को खाने के लिए पत्तियां मिलती रहती है. साथ ही कमरों में स्वच्छ हवा और रोशनी की व्यवस्था होनी चाहिए. इसके अलावा कमरे में लकड़ी की तिपाईयों के ऊपर ट्रे रखकर उसमें इनकी रिपरिंग करते हैं. ध्यान रहे कि तिपाइयों को चीटियों से बचाने के लिए पायों के नीचे एक बर्तन में पानी भरकर रख दें, साथ ही कीटों को रोजाना साफ करते रहें.
रेशम उत्पादन से लाभ
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रोजगार मिलेगा.
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ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार होगा.
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कम लागत और समय में ज्यादा आय होगी.
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महिलाओं के लिए अचछा व्यवसाय माना जाता है.