मानसून में Kakoda ki Kheti से मालामाल बनेंगे किसान, जानें उन्नत किस्में और खेती का तरीका! ये हैं धान की 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में, जिससे मिलेगी बंपर पैदावार दूध परिवहन के लिए सबसे सस्ता थ्री व्हीलर, जो उठा सकता है 600 KG से अधिक वजन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Karz maafi: राज्य सरकार की बड़ी पहल, किसानों का कर्ज होगा माफ, यहां जानें कैसे करें आवेदन Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Krishi DSS: फसलों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से सरकार ने लॉन्च किया कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पोर्टल
Updated on: 27 November, 2021 3:37 PM IST
Pearl Farming

लॉकडाउन के बाद जब हालात बिगड़े तो सब सोचने पर मजबूर हो गए की आखिर ऐसा क्या किया जाए की फिर से ये मुसीबतों का सामना ना करना पड़े. लॉकडाउन के बाद आर्थिक परेशानियों से गुजर रहे लोगों ने अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी से कुछ हट कर कुछ नया बिज़नेस करने का सोचा.

अगर आप भी बिजनेस शुरू करने का प्लान कर रहे हैं, तो हमारे पास आपके लिए एक ऐसी ख़बर है जो आपकी मदद कर सकता है.

ऐसा बिजनेस जिसमें निवेश कम हो और कमाई भरपूर. ज्यादातर बिजनेस अच्छे इन्वेस्टमेंट कॉस्ट के साथ ही शुरू किए जाते हैं .लेकिन वहीं अगर आप छोटे धंधे की बात करें तो, छोटे धंधे भी बड़ा मुनाफा अक्सर देते हैं. ऐसा ही एक बिजनेस है, जहां निवेश की रकम महज 25,000 रुपए है. और कमाई 3 लाख रुपए महीना तक है. अगर इसी कारोबार को बड़े लेवल पर शुरू करना है तो केंद्र सरकार की तरफ से 50 फीसदी सब्सिडी भी मिलती है.

वहीं, जो खुद का बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं  उनके लिए मोती की खेती (Pearl farming)  काफी दिलचस्प कारोबार है. शहरी इलाकों में आज भी ज्यादा लोग इसे नहीं जानते, लेकिन, पिछले कुछ साल में इस पर फोकस बढ़ा है. गुजरात के इलाकों में इसकी खेती से कई किसान लखपति बन चुके हैं. वहीं, ओडिशा और बेंगलुरु में भी इसका अच्छा स्कोप है. मोती की खेती में कमाई जबरदस्त है.

मोती की खेती के लिए एक तालाब की जरूरत होगी. इसमें सीप का अहम रोल है. मोती की खेती के लिए राज्य स्तर पर ट्रेनिंग भी दी जाती है.अगर तालाब नहीं है तो इसका इंतजाम भी करवाया जा सकता है. आपकी इन्वेस्टमेंट पर सरकार से 50 फीसदी तक सब्सिडी मिल सकती है. दक्षिण भारत और बिहार के दरभंगा के सीप की क्वालिटी काफी अच्छी होती है.

इस तरह शुरू कर सकतें हैं खेती

खेती शुरू करने के लिए कुशल वैज्ञानिकों से प्रशिक्षण लेना होता है. कई संस्थानों में सरकार खुद फ्री में ट्रेनिंग करावाती है. सरकारी संस्थान या फिर मछुआरों से सीप खरीदकर खेती का काम शुरू करें. सीप को तालाब के पानी में दो दिन के लिए रखते हैं. धूप और हवा लगने के बाद सीप का कवच और मांसपेशियां ढीली हो जाती हैं. मांशपेशियां ढीली होने पर सीप की सर्जरी कर इसके अंदर सांचा डाल जाता है. सांचा जब सीप को चुभता है तो अंदर से एक पदार्थ निकलता है. थोड़े अंतराल के बाद सांचा मोती की शक्ल में तैयार हो जाता है. सांचे में कोई भी आकृति डालकर उसकी डिजाइन का आप मोती तैयार कर सकते हैं. डिजाइनर मोती की मांग बाज़ारों में ज्यादा है.

ये भी पढ़ें: आटा चक्की का बिजनेस कैसे शुरू करें, खर्च और पूरा स्ट्रेक्चर जानिए

हर महीने कितनी होगी कमाई ?

एक सीप को तैयार करने में करीब 25 से 35 रुपए का खर्च आता है. वहीं, एक सीप से 2 मोती तैयार होते हैं. एक मोती की कीमत 120 रुपए के आसपास होती है. अगर क्वॉलिटी अच्छी हुई तो 200 रुपए तक भी मिल सकते हैं. एक एकड़ के तालाब में 25 हजार सीप डाल जा सकते हैं.

इस पर आपका निवेश करीब 8 लाख रुपए का होगा. 50%  सीप भी अगर ठीक निकलते हैं और उन्हें बाजार में लाया जाता है तो आसानी से 30 लाख रुपए तक की सालाना कमाई हो सकती है.

English Summary: earn more profit with less investment from pearl farming
Published on: 27 November 2021, 03:38 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now