अगर आप बड़े शहरों की बजाय गांव या छोटे कस्बों में रहकर महीने में लाखों की कमाई करना चाहते हैं तो यह खबर आपके लिए है. आज हम आपको ऐसे तीन बिजनेस के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनसे आप अच्छे खासे पैसे बना सकते हैं. खास बात ये है कि इन बिजनेस के लिए आपको ज्यादा इन्वेस्टमेंट करने की आवश्यकता भी नहीं है. आप केवल अपने आसपास के लोगों की जरुरत पूरा करके बेहतर कमाई कर सकते हैं. तो आइए उन बिजनेस पर एक नजर डालें.
डिजिटल सेवा केंद्र (Digital service center)
गांव या छोटे कस्बों में ऐसे कई लोग होते हैं, जिन्हें फॉर्म भरने, जॉब के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने, पैसा ट्रांसफर करने और आधार-पैन बनवाने में काफी परेशानी होती है. इस काम के लिए उन्हें शहर में जाना पड़ता है. ऐसे में आप गांव या छोटे कस्बों में डिजिटल सेवा केंद्र खोलकर ऑनलाइन से संबंधित सारी सुविधाएं दे सकते हैं. इसके बदले आपको अच्छे खासे पैसे मिल सकते हैं. खास कर ये केंद्र अगर किसी बैंक या सरकारी कार्यालय के बाहर हो तो ग्राहकों की कोई कमी नहीं होगी. इस बिजनेस से हर महीने आप 50 हजार से एक लाख रुपये की कमाई कर सकते हैं. वहीं, इसमें इन्वेस्टमेंट भी ज्यादा से ज्यादा 60-70 हजार के बीच होगा.
फूल का बिजनेस (Flower business)
फूल का बिजनेस भी गांव या छोटे कस्बों में कमाई का बेहतर जरिया बन सकता है. दरअसल, फूल एक ऐसी चीज होती है, जिसका प्रयोग कई जगहों पर किया जाता है. जैसे कि मंदिरों में पूजा के लिए इसका हर रोज इस्तेमाल होता है. वहीं, डेकोरेशन में भी फूल काम आते हैं. इसके अलावा, परफ्यूम बनाने वाली कंपनियां भी फूल का उपयोग करती हैं. बाजार में मांग के हिसाब से आप गांव में केवल एक एकड़ जमीन में फूल उगा सकते हैं. जिससे लाखों की कमाई हो सकती है. वहीं, फूल की खेती में लागत भी ज्यादा नहीं है.
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मिल्क सेंटर का बिजनेस (Milk center business)
गांव में मिल्क सेंटर से अच्छी कमाई हो सकती है. इसमें आपको केवल गाय की आवश्यकता होती है. उनका दूध निकालकर आप तमाम कंपनियों को बेच सकते हैं. वह फैट के हिसाब पैसे देती हैं. आमतौर पर किसानों को एक लीटर दूध पर कंपनी कम से कम 45 रुपये देती है. अगर आपके पास दो गाय हैं और वह हर रोज 20 लीटर दूध देती हैं तो आप महीने में 25 हजार रुपये से ऊपर की कमाई कर सकते हैं. बाकी फायदा क्वांटिटी पर निर्भर करता है. वहीं, तमाम कंपनियां सभी गांव में किसानों को दूध जमा करने के लिए अपनी-अपनी गाड़ी भेजती हैं. इससे किसानों का ट्रांसपोर्ट का खर्च भी बचता है.