ज़माना बदल रहा है, समाज बदल रहा है. अब सिर्फ़ पारम्परिक किसान नहीं बल्कि पढ़े-लिखे नौजवान और समाज के दूसरे तबके के लोग भी कृषि (Agriculture) के क्षेत्र में हाथ आज़मा रहे हैं. इससे जुड़े काम करके अच्छा-ख़ासा मुनाफ़ा कमा रहे हैं. विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Science and Technology) व इंटरनेट (Internet) ने चीज़ों को अब ज़्यादा आसान कर दिया है.
अगर आप भी खेती से जुड़कर लाखों कमाना चाहते हैं या आप पहले से खेती करते हैं और ज़्यादा फ़ायदा देने वाली किसी फ़सल की तलाश में हैं तो हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी फ़सल के बारे में जिसकी उपज आपको दे सकती है लाखों की कमाई. आप इसे 5 एकड़ ज़मीन पर लगाकर 2 से 2.25 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं.
हम बात कर रहे हैं मसाला फ़सल जीरा की खेती की (Cumin Farming) . घर की रसोई हो या आयुर्वेदिक दवाई हर जगह-हर समय जीरे की मांग रहती है. हमारे देश में कुल जीरा उत्पादन का 80 प्रतिशत से ज़्यादा राजस्थान और गुजरात में उगाया जाता है.
ये हैं उन्नत क़िस्मे-
जिन क़िस्मों को बेहतर माना जाता है और जिनके बीज 120 से 125 दिनों में पक जाते हैं वो हैं- जीसी- 1,2,3, आर जेड- 223, आर जेड- 19 और आर जेड- 209. इन क़िस्मों की औसत उपज 510 से 530 किलोग्राम/हेक्टेयर है. मतलब इनके इस्तेमाल से बढ़िया उपज मिलेगी और अगर उपज अच्छी रहेगी तो कमाई भी शानदार होगी.
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ऐसे होगी सवा 2 लाख रुपये तक कमाई-
आप जीरा खेती करके किस तरह 2 से 2.25 लाख रुपये तक कमा सकते हैं इसको समझते हैं. दरअसल जीरे की औसत उपज 7 से 8 क्विंटल बीज प्रति हेक्टेयर होती है. इसकी खेती में प्रति हेक्टेयर 30 से 35 हज़ार रुपये तक ख़र्च आता है. अब अगर एक किलो जीरे की क़ीमत हम 100 रुपये मान कर चले तो प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 40 से 45 हज़ार रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त हो सकता है. इस तरह 5 एकड़ में इसकी फ़सल हमें 2 से 2.5 लाख रुपये की कमाई दे सकती है.
कब करें बुवाई-
जो लोग मसाला फ़सल जीरा की खेती में दिलचस्पी रखते हैं उन्हें कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए, जैसे-
- 1 से 25 नवम्बर के बीच इसकी बुवाई कर देनी चाहिए.
- नवम्बर के मध्य का समय इसके लिए सबसे बढ़िया होता है. शुष्क और साधारण ठंडी जलवायु इस फ़सल के लिए सबसे बढ़िया साबित होती है.
- पालाग्रस्त क्षेत्रों में इसकी पैदावार अच्छी नहीं होगी.
- ध्यान रहे कि दाना पकने के समय सिंचाई नहीं करना चाहिए, अगर ऐसा करेंगे तो बीज हल्का बनेगा.
- उचित फ़सल चक्र अपनाएंगे तो नतीजे बेहतर मिलेंगे. बाजरा-जीरा-मूंग-गेहूं -बाजरा- जीरा 3 वर्षीय फ़सल चक्र को अपना सकते हैं.