अगर गांव में कभी कोई गौरैया दिख जाए, तो बच्चे झूम उठते हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि कई लोग गौरेया पक्षी की जानकारी भी नहीं रखते हैं. यह समस्त मानव समाज के लिए शर्म की बात है. आज गौरैया विलुप्ति की कगार पर है.
ऐसे में इसका संरक्षण बहुत ज़रूरी है. बस इसी बात को याद दिलाने के लिए हर साल विश्व गौरैया दिवस 20 मार्च (World Sparrow Day 2021) को मनाया जाता है. विश्वभर में पिछले 11 सालों से गौरैया दिवस मनाया जा रहा है. इस दिवस को मनाने की एक अहम वजह है कि गौरैयाओं के अस्तित्व को बचाया जा सके.
कौन है गौरैया? (Who is the sparrow?)
इसका वैज्ञानिक नाम पासर डोमेस्टिकस है, जो कि पासेराडेई परिवार का हिस्सा है. यह विश्वभर के कई देशों में पाई जाती हैं. यह बहुत ही छोटी होती हैं. मतलब करीब 15 सेंटीमीटर की होती हैं. इन्हें शहरों की तुलना में गांवों में रहना ज्यादा पसंद होता है. इनका अधिकतम वजन 32 ग्राम तक होता है. यह कीड़े और अनाज खाकर जीवनयापन करती हैं.
विश्व गौरैया दिवस का इतिहास (History of World Sparrow Day)
इस दिवस को भारत के नासिक में रहने वाले मोहम्मद दिलावर के प्रयत्नों से मनाया जा रहा है. उन्होंने गौरैया संरक्षण के लिए नेचर फॉर सोसाइटी नामक एक संस्था की शुरुआत की थी. बता दें कि पहली बार विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day 2021) साल 2010 में मनाया गया था. पिछले 10 सालों से हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस मनाया जाता है. इस दिन उन लोगों को गौरैया पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है, जो पर्यावरण और गौरैया संरक्षण के क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हैं. इसके अलावा गौरैया की तस्वीरें बनाई जाती हैं, कविताएं लिखी जाती हैं और सभी लोग गौरैया से जुड़े किस्से और अपने अनुभव साझा करते हैं.
विश्व गौरैया दिवस 2021 की थीम (Theme of World Sparrow Day 2021)
इस साल विश्व गौरैया दिवस 2021 (World Sparrow Day 2021) का विषय ‘आई लव स्पैरो’ रखा गया है. इसका अर्थ यह है कि मुझे गौरैया से प्रेम है. बता दें कि पिछले कई सालों से इस एक ही विषय पर विश्व गौरैया दिवस मनाया जा रहा है.
गौरैया संरक्षण के उपाय (Sparrow Protection Measures)
जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी ऑफ बर्डस द्वारा विश्वभर के कई देशों में अनुसंधान किए गए हैं. इसके आधार पर भारत और कई बड़े देशों में गौरैया को रेड लिस्ट कर दिया है. इसका मतलब यह है कि अब यह पक्षी पूर्ण रूप से विलुप्ति की कगार पर है. ऐसे में गौरैया संरक्षण की बहुत ज़रूरत है.
इसके लिए हम यही कर सकते हैं कि गौरैया के लिए अपनी छत पर दाना-पानी रखें. इसके साथ ही अधिक से अधिक पेड़ और पौधे लगाएं. इसके अलावा कृत्रिम घोंसलों का निर्माण करें.