हर साल 10 फरवरी को विश्व दलहन दिवस (World Pulses Day 2020) मनाया जाता है. यह यूनाइटेड नेशन (United Nations) द्वारा प्रायोजित एक वैश्विक कार्यक्रम है, जिसके तहत दलहन या दालों (Pulses) के महत्व को पहचाना जाता है. बता दें कि यह हर साल संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा साल 2019 से 10 फरवरी को मनाया जा रहा है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.
क्या है दलहन दालें
दलहन को फलियां भी कहा जाता है. ये भोजन के लिए सुपाच्य, पौधों के खाद्य बीज (Edible seeds) हैं. इसके तहत चने, सूखी फलियां, अरहर, मसूर, सूखी मटर और अन्य प्रकार की दालें शामिल हैं. दुनियाभर के खानों में दालों का भारी मात्रा में प्रयोग किया जाता है. दलहन न सिर्फ बीज मात्र,हैं बल्कि ये पोषक तत्वों का खजाना भी है. दलहनी फसलों में वे फसलें शामिल नहीं हैं, जिनके हरे पौधे जैसे हरी मटर, हरी फलियां काट लिए जाते हैं. इसके अलावा जिन फसलों को मुख्य रूप से तेल के उत्पादन में प्रयोग किया जाता है, उन्हें दलहन की श्रेणी में रखा जाता है.
दलहन से फायदे (Benefits Of Pulses)
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दालों में वसा कम और घुलनशील फाइबर से युक्त होती हैं, जो कोलेस्ट्रॉल और ब्लरड शुगर को नियंत्रित करने में सहायता करती हैं.
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दालों में कई गुण होते हैं, जिससे वह डायबिटीज, हृदय रोग और गैर-संचारी रोगों के प्रबंधन के लिए लाभकारी है.
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दालें मोटापे से निपटने में मदद करती हैं.
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अगर आपको सोडियम कम लेना है, तो दालों का सेवन करें.
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दालों में आयरन प्रचुर मात्रा में होता है, जो एनिमिया और खून की कमी को दूर करने में मदद कर सकता है.
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दालों में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है, जो हृदय स्वास्थ्य के लिए बेहतर है.
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पाचन और मांसपेशियों के कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है.
खाद्य सुरक्षा (Food Security)
देश के किसानों के लिए दलहन फसलों का बहुत महत्व होता है, क्योंकि वह उन्हें बेच सकते हैं और उनका उपभोग भी कर सकते हैं. इसके साथ ही दालों के नाइट्रोजन-फिक्सिंग गुण मिट्टी की उर्वरता में सुधार करते हैं. इसके अलावा खेत की उत्पादकता को बढ़ाती हैं.