महिलाएं समाज का एक ऐसा स्तम्भ हैं, जिसके बिना शायद इस समाज की कल्पना करना ही बेकार है. महिलाएं अपने जीवन में एक साथ कई भूमिकाएं निभाती हैं, जैसे- मां, पत्नी, बहन, शिक्षक औऱ दोस्त.
उन्हें हर रिश्ता निभाना बखूबी आता है. महिलाएं ही हैं, जो सिखाती हैं कि कैसे विपरीत हालातों में असफलताओं का मुकाबला किया जाए और सफलता की तरफ कदम बढ़ाया जाए.
मगर इन सब के बीच एक सवाल सबके मन में आता है कि क्या आज भी हर एक क्षेत्र में महिलाओं को समानता का दर्जा प्राप्त है. इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 26 अगस्त को महिला समानता दिवस (Women's Equality Day 2021) मनाया जाता है. देशभर में इस दिवस को महिला संगठन बहुत जोर-शोर से मनाते हैं. इसके साथ ही रोजगार, शिक्षा समेत कई क्षेत्र में महिलाओं के समान अधिकार की वकालत करते हैं.
कब से मनाया जाता है महिला समानता दिवस? (When is Women's Equality Day celebrated?)
अमेरीका में 26 अगस्त 1920 को 19वें संविधान संशोधन के जरिए पहली बार महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला. इसके साथ ही महिलाओं को समानता का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष करने वाली महिला वकील बेल्ला अब्ज़ुग के प्रयास से 1971 से 26 अगस्त को महिला समानता दिवस’ के रूप में मनाया जाने लगा. बता दें कि इससे पहले अमेरिका में महिलाओं को द्वितीय श्रेणी नागरिक का दर्जा मिलता था.
महिला समानता दिवस का इतिहास (History of Women's Equality Day)
महिलाओं के मताधिकार के लिए आंदोलन संयुक्त राज्य अमेरिका में गृह युद्ध से पहले शुरू किया गया था. अगर दशक 1830 की बात करें, तो अमेरिका में अधिकांश राज्यों ने मतदाता का अधिकार केवल अमीर श्वेत पुरुषों को था.
इस दौरान कई नागरिक अधिकार आंदोलनों जैसे गुलामी, संयम आंदोलन, नैतिक आंदोलन आदि बड़ी तेजी से बढ़ रहे थे. इन आंदोलनों में महिलाओं ने बहुत अहम भूमिका निभाई थी.
तभी 1848 में सेनेका फॉल्स, न्यूयॉर्क में उन्मूलनवादियों (abolitionists) का एक समूह बना. इस समूह ने महिलाओं की समस्याओं और उनके अधिकारों की चर्चा की.
खास बात यह है कि इस समूह में कुछ पुरुष भी शामिल थे. देखते-देखते ही यह आंदोलन काफी तेजी से आगे ब़ढ़ने लगा, लेकिन समय के साथ इस आंदोलन की रफ़्तार भी कम हो गई.
इसके बाद अमेरिका में 1853 से शुरू महिला अधिकारों की लड़ाई ने 1920 में जीत हासिल कर ली. इसके अलावा भारत में महिलाओं को मतदान करने का अधिकार ब्रिटिश शासन काल में मिला था.
महिला समानता दिवस का उद्देश्य (Objective of Women's Equality Day)
इस दिवस को मनाने का खास उद्देश्य यह है कि महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) को बढ़ावा मिलता है. इसके साथ ही भेदभाव, दुष्कर्म, एसिड अटैक्स, भूर्ण हत्या जैसे कई मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है. वैसे आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही हैं.