मिलेट को अलग-अलग भाषा में विभिन्न नामों से जाना जाता है. जैसे कि अंग्रेजी में नाम प्रोसो मिलेट, बंगाली में छीना, हिंदी में चेन्ना- बर्री, गुजराती में छीनो, कन्नड़ में बरगु, तमिल में पानी वरगु, मराठी में वारी, तेलुगु में वारिगा के नाम से जाना जाता है. बता दें कि प्रोसो मिलेट भारत में उगाई जाने वाला महत्वपूर्ण मिलेट है. इसकी फसल अपनी त्वरित परिपक्वता से सूखे से बचने में सक्षम है. अपेक्षाकृत कम पानी की आवश्यकता वाली छोटी अवधि 60 से 90 दिन की फसल होने के कारण, यह सूखे की अवधि से बच जाती है और इसलिए शुष्क भूमि क्षेत्र में गहन खेती के लिए बेहतर है और असिंचित परिस्थितियों में प्रोसो आमतौर पर खरीफ मौसम में उगाया जाता है, लेकिन जिन क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है वहां इसे उच्च तीव्रता वाले रोटेशन में गर्मियों की फसल के रूप में लाभप्रद रूप से लगाया जाता है.
प्रोसो मिलेट एक अनूठा मिलेट है. यह साधारणतया सफेद मिलेट, काशिफ मिलेट या हांग मिलेट के रूप में जाना जाता है. यह एक जंगली घास की प्रजाति है जिसे लगभग 7000 साल पहले चीन में फसल के रूप में उगाया गया था. प्रोसो मिलेट अत्यधिक सूखा और कम पानी के उपलब्धता और लंबी अवधि तक वर्षा रहित में फसल में आ सकती है. सभी मिलेट की तुलना में प्रोसो एक छोटे मौसम की फसल है जो रोपण के बाद 60 से 75 दिनों में परिपक्व हो जाती है.
प्रोसो मिलेट की खासियत/ Specialty of Proso Millet
इसकी खेती भारत, तुर्की, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका में की जा रही है. संयुक्त राज्य में प्रोसो मिलेट मुख्य रूप से पक्षी बीज के लिए उगाया जाता है. जिन्हें गेहूं से एलर्जी होती है उनके लिए प्रोसो मिलेट ग्लूटेन की कमी के कारण एक स्वस्थ भोजन के रूप में बेचा जाता है और ग्लूटेन की कमी के कारण इसे उन लोगों को आहार में सम्मिलित किया जा सकता है. अन्य मिलेट खाद्यान्नों की तुलना में प्रोसो मिलेट को सबसे कम पानी की आवश्यकता होती है.
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प्रोसो मिलेट के स्वास्थ्य लाभ/ Health Benefits of Proso Millet
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प्रोसो मिलेट शुष्क परिस्थितियों और वर्षा छाए वाले क्षेत्र में आसानी से उगाई जाने वाली यह एक उत्कृष्ट फसल हो सकती है. इसमें सबसे अधिक मात्रा में 12. 5% प्रोटीन होता है.
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प्रोसो मिलेट के स्वास्थ्य लाभ इसकी आदित्य गुणों से युक्त है. इसमें महत्वपूर्ण मात्रा में कार्बोहाइड्रेट और फैटी एसिड होते हैं.
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यह अन्य पारंपरिक स्रोतों जैसे मसलों और नट्स की तुलना में मैंगनीज़ का सस्ता स्रोत है.
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इसमें उच्च मात्रा में कैल्शियम होता है जो हड्डियों के विकास और रखरखाव के लिए आवश्यक है.
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यह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को काम करता है और हृदय रोग की संभावना को भी कम करता है.
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प्रोसो मिलेट के पोषक गुण प्रोसो मिलेट में लेसिथिन जो नर्वस सिस्टम को मदद करता है.
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यह नियासिन, बी कंपलेक्स विटामिन, फोलिक एसिड खनिज और आवश्यकता अमीनो एसिड मेथियोनीन और सिस्टीन युक्त उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन होता है जो स्रोत बनता है.
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इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण डायबिटीज को नियंत्रित करता है.
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100 ग्राम प्रोसो मिलेट में 70,4 ग्राम कार्बोहाइड्रेट 12. 25 प्रोटीन ग्राम 1, 1 वसा, 341 ऊर्जा (किलो कैलोरी 2, 2 ग्राम आहार फाइबर होता है.
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प्रोसो मिलेट में नियासिन की कमी से होने वाले पेलाग्रा चर्म रोग में त्वचा पपड़ी दर और खुरदरी हो जाती है और गिरने लगती है.
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प्रोसो मिलेट पेलाग्रा की रोकथाम में सहायता करता है.
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प्रोसो मिलेट में कैल्शियम की उच्च मात्रा शोषण रूप में होती है जो हड्डियों के विकास और रखरखाव के लिए आवश्यक है.
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यह फास्फोरस का समृद्ध स्रोत है जो शरीर में कोशिका निर्माण और आनुवंशिक प्रतिकृति के लिए आवश्यक है.
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मैग्नीशियम में उच्च होने के कारण यह सिद्ध हो गया है कि इस मिलेट के नियमित सेवन से टाइप 2 डायबिटीज की संभावना कम हो सकती है, क्योंकि यह इंसुलिन को नियंत्रित करता है.
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प्रोसो मिलेट में अघुलनशील फाइबर की उच्च सामग्री पित्त की पथरी को रोकने में मदद करती है और पित के अत्यधिक स्राव का संभावना कम करती है.
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इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो उम्र बढ़ने की प्रक्रिया में विलंब करते हैं. एंटी-आक्सीडेंट ऐसे पदार्थ होते हैं जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को हटाते हैं.
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यह हाई ब्लड प्रेशर, उच्च कोलेस्ट्रॉलया किसी हृदय रोग जैसे हृदय रोग जैसे हृदय रोगों से पीड़ित रजो निवृति महिलाओं के स्वास्थ्य में लाभकारी है.
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प्रोसो मिलेट से आहार में कई व्यंजन तैयार किया जा सकते हैं. इसे सलाद में पूरे या पके हुए रूप में या सब्जियां और टोफू के साथ तला हुआ या दूध और शहद के साथ नाश्ते में सेवन किया जा सकता है.
लेखक: रबीन्द्रनाथ चौबे, ब्यूरो चीफ, कृषि जागरण, बलिया, उत्तर प्रदेश