महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने किया Tractor Ke Khiladi प्रतियोगिता का आयोजन, तीन किसानों ने जीता 51 हजार रुपये तक का इनाम Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 1 September, 2021 11:55 AM IST
Bio Gas

आज ऊर्जा को अनेक रूपों में परिवर्तित कर इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन उर्जा की कमी की पूर्ति करना काफी मुश्किल काम होता जा रहा है. ऐसे में बायोगैस चूल्हा ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता हैं. इस लेख में जानिएं बायोगैस चूल्हे और उसके लाभ के बारे में

क्या है बायोगैस चूल्हा (what is Biogas Stove)

बायोगैस एक स्वच्छ, प्रदूषण रहित ज्वलनशील गैस ईंधन है. यह मुख्य रूप से घरेलू ईंधन के रूप में उपयोग किया जाता है. इसको गोबर गैस के नाम से भी जाना जाता है. बायोगैस  में मख्य रूप से  मीथेन 55 – 60%, कार्बन- डाई- ऑक्साइड 35-40% पाई जाती है. घर की महिलाएं बायो गैस से रसोई में खाना पकाने में सहूलियत महसूस करती है. इसके लिए रोजाना 25 किलो गोबर डालकर गैस बनाई जाती है जो एक दिन में दोनों समय उपयोग में आती है.

बायोगैस चूल्हे  के  लाभ(Benefits Of Biogas Stove)

  • बायोगैस पर्यावरण के अनुकूल है और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए बहुत उपयोगी है.

  • बायोगैस के इस्तेमाल से लकड़ी की बचत होती है.

  • महिलाओं को चूल्हे के धुएं से निजात मिल जाती है.

  • इसे लगाने से किसानों को ईंधन और खाद दोनों की बचत होती है.

  • बेरोज़गार युवा बायोगैस संयंत्र लगाकर स्वरोज़गार अर्जित कर सकते हैं.

  • इससे डेयरी उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, दूध बढ़ेगा और आमदनी बढ़ेगी.

  • धुएँ और बिच्छू के डंकों से छुटकारा मिलेगा क्योंकि जलाने की लकड़ी या ढ़ेर में से उपले निकालने में हमेशा बिच्छू के काटने का भय होता है.

  • कंटीले पेड़ों की टहनियों को काटते समय हाथों के छिल जाने का डर नहीं होता है.

  • घर में विशेष रूप से बरसात के मौसम में जलाने की लकड़ी का या उपलों को जमा करने की जरूरत ना होने के कारण काफी जगह की बचत होती है.

  • आग जलाने की लकड़ी इकट्ठा करने के लिए बाहर जाने की जरुरत नही होती.

बायोगैस बनाने के क्रिया (Biogas Production)

बायोगैस प्लांट की स्थापना के बाद इसे गोबर व पानी के घोल (1 : 1) से भर दिया जाता है और चलते हुए प्लांट से निकला गोबर भी साथ ही डाल दिया जाता है. इसके बाद गैस की निकासी का पाइप बंद करके 10-15 दिन छोड़ दिया जाता है. जब गोबर की निकासी वाले स्थान से गोबर बाहर आना शुरू हो जाता है तो प्लांट में ताजा गोबर प्लांट के आकार के अनुसार सही मात्रा में हर रोज एक बार डालना शुरू कर दिया जाता है तथा गैस को आवश्यकतानुसार इस्तेमाल किया जा सकता है एवं निकलने वाले गोबर को उर्वरक के रूप में प्रयोग किया जा सकता है जो गुणवत्ता के हिसाब से गोबर की खाद के बराबर होता है.

बायोगैस महिलाओं के लिये वरदानहै (Biogas is a Boon For Women)

बायोगैस संयंत्र महिलाओं और बच्चों द्वारा ईंधन-सामग्री को इकट्ठा करने और उन्हें सिर पर लादकर लाने, धुएँ भरे रसोई घर में काम करने, खाना बनाने में बहुत ज्यादा समय बर्बाद होने और धुएँ से काले हुए बर्तनों को मांजने तथा धुएँ के कारण आँख और फेफड़ों की बीमारी जैसी परेशानियों को दूर करने या पूरी तरह समाप्त करने में सहायक होते हैं.

English Summary: what is a biogas stove and what are its benefits
Published on: 01 September 2021, 12:03 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now