Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 8 April, 2019 6:42 PM IST

अब अपने खेत की मिट्टी में पाए जाने वाले पोषक तत्वों की कमी की रिपोर्ट किसानों को तुरंत मिलेगी। दरअसल भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूसा इस सुविधा को किसानों को प्रदान करने जा रहा है। इसके लिए अनुसंधान किसानों की कंपनी कोमलिका ग्रुप के साथ मिलकर इस तरह के कार्य को करेगा।

प्राइवेट लैंब बंद करने से परेशानी

अभी तक ऐसा होता आया है कि किसान खुद या फिर सहायक किसानों की मदद से मिट्टी की जांच करवाते है। ज्यादातर प्राइवैट लैब जांच हेतु बंद हो चुकी है, इस कारण किसान सरकारी जांच वाली लैब पर निर्भर है। यहां जनपद में अतरौली, जवां, सोमना, इगलास व क्वासी फॉर्म पर जांच होती है। न्यूनतम समय सात दिन या फिर इससे ज्यादा समय में ही किसानों को रिपोर्ट मिल पाती है। इसमें दो तरह की जांच होती है। अगर किसान खुद ही नमूना लेकर आ जाता है तो उससे 29 से 102 रूपये ले लिए जाते है। 29 रुपये वाली जांच में इलेक्ट्रो कनेक्टिविटी व पॉवर ऑफ हाइड्रोजन आयन(पीएच) के अलावा एनपीके की जांच होती है। जबकि 102 रुपये वाली में सूक्ष्म तत्व जिंक, बोरोन, सल्फर, आयरन, कॉपर की भी जांच होती है। इसमें कृषि विभाग से जुड़े अधिकारी भी कभी-कभी दो या तीन स्थानों से मिट्टी लेकर जांच कर देते थे। अगर विभाग के क्रमी खुद जांच करते है तो इसके कोई भी पैसे नहीं लगेंगे। अगर नियमानुसार बात करें तो खेत के चारों कोनों के अलावा बीच से मिट्टी का नमूना लेकर पांचों जगह की मिट्टी की जांच जरूरी है।

संस्थान दे रहा विशेष किट

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पूसा मिट्टी की जांच के लिए एक किट को उपलब्ध करवा रहा है। यह एक इस तरह की किट है जो किसान के जरिए आसानी से खेत पर ले जाई जा सकती है। संस्थान किट देने के लिए तैयार हो चुका है। साथ ही बची हुई औपचारिकताएं भी पूरी की जा रही है। जल्द ही किसानों को यह सुविधा मिलेगी और इसके लिए उनसे फीस ली जाएगी जो किफायती होगी। किसानों को अब मिïट्टी की जांच के सात दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। किसान की सहूलियत के लिए किट लेकर खेत पर जांच कराई जाएगी। मिट्टी की सेहत सही रखने के लिए जांच जरूरी है।

English Summary: This facility will be provided to farmers for soil testing in the fields.
Published on: 08 April 2019, 06:45 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now