जबरदस्त है गहरी जुताई के फायदे, कम लागत के साथ बढ़ता है उत्पादन! 10 वर्ष पुरानी आदिवासी पत्रिका 'ककसाड़' के नवीनतम संस्करण का कृषि जागरण के केजे चौपाल में हुआ विमोचन Vegetables & Fruits Business: घर से शुरू करें ऑनलाइन सब्जी और फल बेचना का बिजनेस, होगी हर महीने बंपर कमाई Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 1 December, 2017 12:00 AM IST
Tea

अभी तक आपने कई चाय की पत्तियों के बारे में सुना होगा लेकिन चीन में मिलने वाली दाहुंग पाओ” नाम की चाय की पत्तियों के बारे में शायद ही सुना होगा। ये दुनिया की सबसे महंगी चाय है. जिसकी एक किलो की कीमत 9 करोड़ है। इस क़ीमत पर यक़ीन करना मुश्किल है लेकिन यही सच है.

जी हां दाहुंग पाओ” नाम की चाय की पत्ती को दुनिया की सब से मंहगी चाय की पत्ती कहा जाता है और इस चाय को पीने के लिए बहुत से लोग लाखों रुपये देने के लिए तैयार रहते हैं। इस चाय की पत्ती के महंगे होने का कारण यह है कि इस चाय की पत्ती का पौधा दुर्लभ है और उसे विशेष प्रकार से देख-रेख की ज़रूरत होती है.

पीने से दूर होती हैं कई बीमारियाँ 

चीन में लोगों का कहना है कि “दाहुंग पाओ” चाय बहुत सी बीमारियां दूर हो जाती हैं और जब मींग शासन श्रंखला में महारानी की तबीअत खराब हुई थी तो इसी चाय से उन्हें स्वस्थ्य कर दिया गया था जिसके बाद इस राजा ने “दाहुंग पाओ” की खेती करने का आदेश दिया और चूंकि यह राजा हमेशा लाल रंग का एक लंबा चोगा पहने रहता था इस लिए इस चाय की पत्ती का नाम “दाहुंग पाओ” यानी लंबा लाल पड़ गया।.

करते थे चाय के लिए उपासना 

पुराने ज़माने में चीन में चाय पैदा करने वाले किसान, बसन्त के मौसम में सुबह-सुबह पहाड़ पर जाते थे और चाय के लिए उपासना करते थे ताकि पैदावार ज़्यादा हो। कहते हैं इस चाय की पत्ती को बकरी के दूध से धोया जाता है और फिर उसे पका कर सूखने के लिए रख दिया जाता है और इस पूरी प्रक्रिया में अस्सी साल का समय लग सकता है.

खत्म होने की कगार है ये चाय 

“दाहुंग पाओ” चाय की पत्तियां अब खत्म होंने की कगार पर हैं। फिलहाल पूरी दुनिया में इस चाय के सिर्फ छह पौधे बचे हैं और इस चाय को खरीदना भी सब के बस की बात नहीं है क्योंकि इसके खास बेचने वाले होते हैं। चीन के बाहर भी इस चाय की पत्ती की बहुत मांग है और कई बार इसे चीन के बाहर भी बोने की कोशिश की जा चुकी है। लेकिन कभी कोई सफल नहीं हो सका.

आखिरी बार सन 1849 में एक ब्रिटिश वनस्पति विशेषज्ञ ने इस चाय के पेड़ के कुछ बीज चुरा लिये और उसे भारत ले जाकर वहां बो दिया लेकिन उसका पौधा नहीं उगा जिसके बाद इस ब्रिटिश वैज्ञानिक को शोध के बाद पता चला कि "दाहुंग पाओ" चाय की पत्ती का पौधा सिर्फ चीन में ही हो सकता है.

लंदन में जाकर पी सकते हैं 

अगर आप इस चाय को पीने का शौक रखते हैं तो आप के लिए बुरी खबर यह है कि "दाहुंग पाओ" के साढ़े तीन सौ साल पुराने पौधों से अब पत्ते नहीं निकलते और आखिरी बार सन दो हज़ार पंद्रह में उससे चाय की पत्ती ली गयी थी इस लिए अब चाय की पत्ती तोड़ने की पंरपरा प्रतीकात्मक रूप में ही जारी है। लेकिन अगर शौक बहुत ज़्यादा है तो आप लंदन में जाकर ढाई सौ डॉलर खर्च करके चार कप चाय पी सकते हैं.

English Summary: The price of this tea is 9 crores of rupees, many diseases will go away from drinking only ...
Published on: 01 December 2017, 12:51 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now