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Updated on: 31 January, 2022 10:18 AM IST
Somvati Amavasya 2022 Date and Muhurat

हिन्दू धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व माना गया है. जो लोग अमावस्या तिथि को खास पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें बता दें कि हिन्दू पंचांग के अनुसार, माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मौनी अमावस्या है. इसे माघी अमावस्या भी कहते हैं. जब यही अमावस्या सोमवार को पड़ती है, तो इसे सोमवती अमावस्या भी कहा जाने लगता है. बता दें कि सभी अमावस्याओं में मौनी अमावस्या का एक विशेष स्थान है. हिंदू धर्म में माघ मास को पवित्र और शुभ माना गया है.

इस महीने में स्नान, दान और पूजा-पाठ का विशेष है. वहीं, सोमवती अमावस्या के दिन विधि-विधान से भगवान की पूजा की जाती है, लेकिन इस दिन पूजा-पाठ के भी कुछ नियम होते हैं. तो आइए सोमवती अमावस्या की तिथि और मुहूर्त के बारे में बताते हैं -

सोमवती अमावस्या 2022 तिथि और मुहूर्त

  • सोमवती अमावस्या की तिथि आरंभ: 31 जनवरी, सोमवार, रात्रि 02: 18 मिनट से

  • सोमवती अमावस्या की तिथि समाप्त: 01 फरवरी,मंगलवार प्रातः 11: 15 मिनट तक

  • सोमवती अमावस्या को स्नान आदि सूर्योदय के समय से होता है, इसलिए मौनी अमावस्या का स्नान 01 फरवरी को है.

पुण्यदायक है सोमवती अमावस्या

बता दें कि इस साल 31 जनवरी को पड़ने वाली सोमवती अमावस्या पहली है. सोमवती अमावस्या काफी पुण्यदायी होती है. सोमवार के दिन अमावस्या का संयोग होने से महत्व बहुत ज्यादा बढ़ है.  हालांकि गंगा स्नान आदि सूर्योदय के समय होता है, इसलिए गंगा स्नान के लिए मंगलवार का दिन यानि 1 फरवरी को ज्यादा उत्तम है. मगर पितरों के लिए तर्पण आदि के कार्य सोमवार के दिन किए जा सकते हैं.

सोमवती अमावस्या के शुभ संयोग पर करें ये उपाय

सोमवती अमावस्या के दिन पीपल का एक पौधा लगाएं. ऐसा करने से पितर प्रसन्न होते हैं. यह पेड़ जैसे-जैसे बड़ा होगा, आपको अपने पितरों से आशीर्वाद मिलेगा. आपके घर के सारे संकट धीरे-धीरे दूर हो जाएंगे. वैसे तो आप पीपल का पौधा किसी भी अमावस्या को लगा सकते हैं, लेकिन सोमवती अमावस्या का संयोग जल्दी नहीं मिल है. ऐसे में यह शुभ संयोग 31 जनवरी को मिल रहा है.

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इसके अलावा सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही पीले रंग के पवित्र धागे को 108 बार परिक्रमा करके बांधना चाहिए. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और पूजन से पहले खुद पर गंगाजल का छिड़काव करें. इस दिन पितरों के लिए गीता के सातवें अध्याय का पाठ करना चाहिए. इससे उनके कष्ट दूर होते हैं. वहीं, सोमवती अमावस्या के दिन दान स्नान का विशेष महत्व माना जाता है, इसलिए पितरों को ध्यान में रखते हुए किसी जरूरतमंद को दान करें.

English Summary: Somvati Amavasya 2022 Date and Muhurat
Published on: 31 January 2022, 10:24 AM IST

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