Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 22 December, 2018 2:38 PM IST
Merry Christmas

हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस या  बड़ा दिन का त्योहार मनाया जाता है. क्रिसमस ईसाई धर्म के मुख्य त्योहारों में से एक है. इस त्योहार को विश्वभर में लोग काफी हर्षोंउल्लास से मनाते हैं. कुछ ही दिनों में यह त्योहार आने वाला है, इसलिए इसको लेकर दुनियाभर में पूरे जोर-शोर से तैयारियां चल रही हैं.

क्रिसमस पर्व के मौके पर लोग क्रिसमस-ट्री को रंग-बिरंगी लाइट्स से सजाते है लेकिन लोग क्रिसमस ट्री से जुड़ी कई बातों से अनजान रहते हैं. ऐसे में आइए आज हम आपको क्रिसमस ट्री से जुड़ी कुछ बेहद दिलचस्प बातों के बारे में बताते हैं.

1. एक मान्यता के अनुसार प्रभु यीशु का जन्म येरुशलम के एक अस्तबल में क्रिसमस के पेड़ के नीचे हुआ था. उनके जन्म पर स्वर्ग दूत ने आकर उनकी मां मरियम और उनके पिता को यीशु के जन्म की शुभकामनाएं दीं. 

जिस पेड़ के नीचे प्रभु यीशु का जन्म हुआ था, स्वर्ग दूत ने उस पेड़ को रोशनी से खूब सजाया. तभी से लोग हर साल प्रभु यीशु के जन्मदिन के उपलक्ष्य में क्रिसमस-ट्री को सजाने लगे.

2. क्रिसमस-ट्री को लेकर एक मान्यता और भी प्रचलित है कि जिस घर में यह पेड़ होता है उस घर से नकारात्मक ऊर्जा और बुरे साये हमेशा दूरी बनाकर रखते हैं. इसके साथ ही घर में सकारात्मकता का प्रवाह बना रहता है.

3. 19वीं सदी में क्रिसमस  पर्व को इंग्लैंड में मनाने का रिवाज शुरू हुआ. इसके बाद विश्वस्तर पर  क्रिसमस का जश्न मनाया जाने लगा.

4. प्राचीन काल में क्रिसमस-ट्री को जीवन की निरंतरता का प्रतीक माना जाता था. मान्यता थी कि इसे घर में सजाने से बच्चे दीर्घायु होते हैं. इसीलिए प्रभु यीशु के जन्मदिन के मौके पर क्रिसमस-ट्री को सजाने का रिवाज शुरू हुआ.  

5. एक मान्यता के अनुसार क्रिसमस-ट्री को क्रिसमस पर सजाने की परम्परा जर्मनी से प्रारम्भ हुई. यहां से 19वीं सदी से यह परम्परा इंग्लैंड में पहुंची, जहां से सम्पूर्ण विश्व में यह प्रचलन में आ गई.

English Summary: Some amazing facts about Christmas-Tree : Christmas 2018
Published on: 22 December 2018, 02:40 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now