अगले 2 दिन इन राज्यों में घना कोहरा छाए रहने की संभावना, पढ़ें आईएमडी की लेटेस्ट रिपोर्ट! खेती को बनाए आसान, वीएसटी 165 DI ES इलेक्ट्रिक स्टार्ट पावर टिलर इस्तेमाल कर कम लागत में करें ज्यादा काम! केले की पूरी फसल बर्बाद कर सकते हैं वायरल रोग, जानें इनके लक्षण और प्रबंधन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 6 February, 2021 2:30 PM IST
Basant Panchami 2021

हर साल बसंत पंचमी (Basant Panchami 2021) का पर्व माघ मास के शुक्ल पक्ष के पांचवें दिन मनाया जाता है. इस दिन से ही बसंत ऋतु का आगमन हो जाता है. इस दिन मां देवी सरस्वती की पूजा आराधना की जाती है, तो वहीं सभी लोग पीले रंग का वस्त्र धारण करते हैं और मां सरस्वती की पूजा करते हैं.

इस साल बसंत पंचमी (Basant Panchami 2021) का पर्व 16 फरवरी (Basant Panchami 2021) के दिन मनाया जा रहा है. आइए आपको बसंत पंचमी (Basant Panchami 2021) का शुभ मुहूर्त, महत्व और मां सरस्वती की पूजा करने की विधि बताते हैं.

बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त (Basant Panchami Shubh Muhurt)

16 फरवरी को तड़के 03 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि शुरू हो रही है, जो 17 फरवरी की सुबह 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगी. बता दें कि बसंत पंचमी (Basant Panchami 2021) की पूजा सूर्योदय के बाद और पूर्वाह्न से पहले की जाती है.

बसंत पंचमी का महत्व (Basant Panchami significance)

कहा जाता है कि बसंत पंचमी (Basant Panchami 2021) के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा आराधना की जाती है, आज का दिन शिक्षा शुरू करने या किसी नई कला की शुरूआत करने के लिए शुभ होता है. आज के दिन कई लोग गृह प्रवेश भी करते हैं. मान्यता यह है कि इस दिन कामदेव पत्नी रति के साथ पृथ्वी पर आते हैं, इसलिए जो पति-पत्नी इस दिन भगवान कामदेव और देवी रति की पूजा करते हैं, उनके वैवाहिक जीवन में कभी मुश्किलें नहीं आती हैं. इस दिन लक्ष्मी और भगवान विष्णु पूजा करने का भी विधान है.

क्यों की जाती है सरस्वती पूजा? (Basant Panchami and Saraswati Puja)

मान्यता यह है कि मां सरस्वती शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ही ब्रह्माजी के मुख से प्रकट हुई थीं, इसलिए इस दिन मां सरस्वती की पूजा होती है. इससे मां सरस्वती बहुत प्रसन्न होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं.

ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा? (Saraswati Puja Vidhi)

  • इस दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र पहनें.

  • पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा करें.

  • मां सरस्वती को पीला वस्त्र पर स्थापित करें.

  • अब रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, मिश्री, पीली मिठाई, हलवा, दही आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें.

  • इसके बाद श्वेत चंदन, पीले-सफेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें.

  • फिर केसर मिश्रित खीर अर्पित करें.

  • हल्दी की माला से मां सरस्वती के मूल मंत्र ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः का जाप करें.

English Summary: Read the auspicious time for the worship of Basant Panchami
Published on: 06 February 2021, 02:38 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now