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Updated on: 17 October, 2020 6:16 PM IST

मेथी में बहुत से विटामिन्स जैसे थायमिन, फॉलिक एसिड, राइबोफ्लोबिन, नियासिन, आयरन, सेलेनियम, जिंक, मैगनीज और मैगनीशियम पाए जाते हैं. मेथी की पत्तियां विटामिन ‘के’ का सबसे अच्छा स्रोत हैं और मेथी के बीज ट्रिगोनेलिन, लाइसिन और एल ट्रीप्टोफान के अच्छे स्रोत हैं. मेथी के हरे पत्तों का सेवन सब्जी के रूप में और इसके दानों का उपयोग भोजन बनाते समय किया जाता है. स्वाद में कड़वी मेथी की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका सेवन गर्मियों की अपेक्षा सर्दियों में करना चाहिए. मेथी औषधीय गुणों से भरपूर है. यह सौंदर्य के साथ ही सेहत के लिए भी फायदेमंद है.      

मेथी में सभी जरूरी पोषक तत्व होते हैं. इससे बनी सब्जी खाने से खून शुद्ध होता है. मेथी दाने का सेवन करने से मोटापा कम होता है. मेथी के पत्तों का नियमित तौर पर एक महीने तक सेवन करने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है. मेथी के करीब 20 दानों को प्रतिदिन सुबह के समय गुनगुने पानी के साथ चबाकर खाने से कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आती है. फोड़े, फुंसी या जलने के घाव आदि में मेथी का प्रयोग हल्दी मिलाकर लगाने से कारगर सिद्ध होता है. मेथी को छाछ में मिलाकर पीने से शरीर का पाचन तंत्र मजबूत बनता है. अपच की समस्या में मेथी का सेवन फायदेमंद साबित होता है. मेथी का प्रयोग सर्दी, जुकाम, गले में दर्द, दमा, वात, निमोनिया, गले में खराश, कंठनाली में सूजन, बुखार और सायनस से आराम प्रदान करता है.

सुबह के समय खाली पेट रोजाना एक चम्मच मेथी के पाउडर के सेवन से मधुमेह का स्तर नियंत्रित रहता है. मधुमेह के मरीज अपनी डाइट में मेथी के दाने शामिल कर सकते हैं. मेथी के बीज का सेवन करने से रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित किया जा सकता है, साथ ही यह टाइप-2 मधुमेह के रोगियों में इंसुलिन प्रतिरोध को भी कम करने का काम करता है. मधुमेह पर इसका लाभदायक असर इसमें मौजूद हाइपोग्लिसेमिक प्रभाव के कारण होता है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है. ऐसे में कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए मेथी का उपयोग अच्छा विकल्प साबित हो सकता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जिस कारण उच्च कोलेस्ट्रॉल कम होता है. जोड़ों का दर्द या फिर अर्थराइटिस से निपटने के लिए मेथी रामबाण नुस्खा है, जिसे सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है.

मेथी में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. ये गुणकारी तत्व जोड़ों की सूजन को कम करके अर्थराइटिस के दर्द से राहत दिलाने में मदद करते हैं. मेथी में आयरन, कैल्शियम और फास्फोरस भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. इसलिए, मेथी के औषधीय गुण से हड्डियों व जोड़ों को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे हड्डियां स्वस्थ व मजबूत रहती हैं. नियमित रूप से मेथी का सेवन करने से दिल का दौरा पड़ने की आशंका कम होती है. हृदयाघात के दौरान ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस की स्थिति जानलेवा साबित हो सकती है और मेथी ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को पैदा होने से रोकने का काम करती है. साथ ही मेथी के बीज शरीर में रक्त प्रवाह को संतुलित रखने में सहायक होते हैं, जिस कारण धमनियों में किसी भी प्रकार की रुकावट पैदा नहीं हो सकती. मेथी के दानों में एंटीइंफ्लेमेटरी, एनाल्जेसिक, एंटीस्पास्मोडिक व ड्यूरेटिक गुण पाए जाते हैं. मेथी के दानों में पॉलीफेनोलिक फ्लेवोनोइड पाया जाता है, जो किडनी को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है. साथ ही यह किडनी के आसपास एक रक्षा कवच का निर्माण करता है, जिससे इसके सेल नष्ट होने से बचते हैं. मेथी में एंटी कैंसर प्रभाव पाए जाते हैं, जो कैंसर की समस्या को दूर रखने का काम करते हैं. मेथी में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीरिंकल, मॉइस्चराइजिंग और स्किन स्मूदिंग गुण पाए जाते हैं इसलिए मेथी को त्वचा के लिए भी लाभकारी माना जाता है. मेथी के बीज में प्रोटीन के भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो बालों के लिए जरूरी होता है. इससे गंजेपन, बालों का पतला होना और बालों के झड़ने का इलाज करने में मदद मिलती है. इसके अलावा, मेथी में लेसिथीन भी पाया जाता हैं, जो बालों को प्राकृतिक रूप से मजबूत बनाने के साथ ही मॉइस्चराइज करता है. 

मेथी पाउडर को दही में मिलाकर बालों में लगाने से रूसी की समस्या से राहत मिलती है. मेथी के सेवन से स्तनों का आकार बढ़ता है. मेथी में पाया जाने वाला एस्ट्रोजेन हार्मोन स्तन के आकार को बढ़ाने में मददगार है. महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है. इस स्थिति में मेथी दाने से बना पाउडर राहत दिलाने में कारगर काम करता है. प्रसव के बाद नवजात के लिए मां के दूध से बेहतर कुछ नहीं होता है अत: स्तन दूध की गुणवत्ता व मात्रा को बढ़ाने के लिए मेथी का सेवन किया जाता है. मेथी हार्मोनल रेगुलेशन में उपयोगी है और शरीर में एस्ट्रोजन के उत्पादन को रोककर टेस्टोस्टेरोन के स्तर को बढ़ाती है. पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर बढ़ने से मांसपेशियों का विकास होता है और शारीरिक क्षमता में वृद्धि होती है.

लेखक: डॉ. विपिन शर्मा
सहायक प्रोफेसर (रसायन विज्ञान),वनस्पति विज्ञान विभाग

डॉ. वाईएसपी यूएचएफ़ नौनी, सोलन (HP)

मो: 09418321402

English Summary: Properties and Uses of Fenugreek
Published on: 17 October 2020, 06:22 PM IST

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