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Updated on: 4 February, 2019 12:22 PM IST

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में मधुमेह के मरीजों के लिए चावल की ऐसी वैरायटी को खोजा गया है जो पूरी तरह से शुगर फ्री है. दरअसल यहां के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने धान की नई प्रजाति की खोज की है. इस किस्म को मधुराज- 55 नाम दिया गया है.

शुगर फ्री धान से मरीजों को सहायता

बता दें कि वैज्ञानिक पिछले सात से आठ सालों से इस शुगर फ्री धान की खोज में लगे हुए थे. वैज्ञानिकों की इतने सालों की मेहनत का नतीजा अब जाकर सफल हुआ है. इस संबंध में धान की एक प्रजाति चेपटी गुरमिटिया धान को वैज्ञानिकों ने शुगर फ्री धान में विकसित किया है. इस धान का सफल फसल परीक्षण किया गया है जो कि पूरी तरह से सफल रहा है. जगदलपुर के कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को इस धान के बीज वर्ष 2017 मे प्राप्त हुए थे. इस परीक्षण में यहां पर 2500 वर्ग फुट में इसकी खेती की गई है जिसके कारण अच्छी पैदावार हो रही है और किसानों को भी इसका काफी फायदा प्राप्त हो रहा है.

किसानों को हो रहा मुनाफा

कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक प्रदर्शन के तौर पर की गई खेती में जब धान की मिंचाई की गई तो यह पाया गया है कि चेपटी गुरमुटिया धान के खोजे गए बीज का उपयोग करके कोई भी किसान प्रति हेक्टेयर 28-30 क्विंटल धान का उत्पादन कर सकता है. कृषि विभाग के उपसंचालक का कहना है कि चेपटी गुरमिटिया धान का उत्पादन पहले किसानों के लिए घाटे का सौदा था, लेकिन अब खोजे गए नए बीज की सहायता से किसान इसकी खेती करके काफी अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं और साथ ही उनको कई तरह की खेती और चावल की किस्मों की नई वैरायटी के बारे में भी अच्छी जानकारी प्राप्त हो रही है.

किशन अग्रवाल, कृषि जागरण

English Summary: New rice will become boon for diabetic patients Madhuraj
Published on: 04 February 2019, 12:24 PM IST

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