Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 7 August, 2023 11:41 AM IST
National Handloom Day

भारत सरकार ने देश में हथकरघा बुनकरों के सम्मान के लिए वर्ष 2015 से हर 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाने की शुरुआत की है. इस दिन देश में पारंपरिक हथकरघा वस्त्रों की सांस्कृतिक विरासत और देश की शिल्प कलाओं की चर्चा की जाती है. इस दिवस का उद्देश्य देश में ‘हथकरघा’ उद्योग को बढ़ावा देना और लोगों को इससे बने कपड़े को पहनने का आग्रह करना है. आज भी देश में बड़ी संख्या में कारीगर अपनी आजीविका के लिए इस करघे उद्योग पर निर्भर हैं. हर साल 7 अगस्त को देश  के विभिन्न हिस्सों में करघे से बने उत्पादों के महत्व और जागरूकता के बारे में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

इस हैंडलूम उद्योग में बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है, जिनमें देश की बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हैं. यह उद्योग देश की महिलाओं को रोजगार के साथ-साथ उन्हें आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर भी बना रहा है. देश में कई राज्य जैसे कि आंध्र प्रदेश के कलमकारी, गुजरात के बांधनी, तमिलनाडु के कांजीवरम, महाराष्ट्र के पैठनी, मध्य प्रदेश के चंदेरी और बिहार के भागलपुरी में हाथों से बने सिल्क देश में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के देशों में प्रसिध्द हैं.

ये भी पढ़ें: Umang Shreedhar: चरखे को डिजिटल तरीके से किया पेश, सोयाबीन वेस्ट से तैयार किया ईको फ्रेंडली फ़ैब्रिक

हैंडलूम का इतिहास(History of handloom)

हैंडलूम का भारत की आजादी की लड़ाई में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है. वर्ष 1905 में लार्ड कर्ज़न ने जब बंगाल के विभाजन की घोषणा की थी तो इस निर्णय के विरोध में कोलकाता के टाउनहॉल में एक जनसभा से स्‍वदेशी आंदोलन की शुरुआत की गई थी. इसी घटना की याद में भारत सरकार ने हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रुप में मनाने का निर्णय लिया था. आज 7 अगस्त, 2023 को हम देश का 9वां हैंडलूम दिवस मना रहे हैं.

हथकरघा दिवस का उद्देश्य

भारत के अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ा योगदान लघु और मध्यम उद्योग को होता है. ऐसे में हथकरधा उद्योग भी इन्ही में से एक है. भारत सरकार इस उद्योग को बढ़ावा देकर न ही सिर्फ देश की सांस्कृतिक धरोहर को बचाना चाह रही है, इसके साथ ही इसमें काम करे रहे कारीगरों की आर्थिक हालात भी सुदृढ़ करना चाह रही है.

English Summary: National Handloom Day 2023, why its being celebrated on 7 august
Published on: 07 August 2023, 11:45 AM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now