भारत को मसालों का देश कहा जाता है, क्योंकि यहां दुनिया के सबसे ज्यादा और बढ़िया मसाले उगाए जाते हैं. भारत विश्व में मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक देश है. वैसे तो भारतीय मसालों का स्वाद पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां के मसालों की सुगंध और स्वाद खाने को खास बनाते हैं, जिसके चलते भारतीय व्यंजन हर किसी को पसंद आते हैं. मसालों का महत्व सिर्फ उनके स्वादिष्ट और सुगंधित गुणों के कारण नहीं है, बल्कि इनका आर्थिक, औद्योगिक और औषधीय महत्व भी बहुत अधिक है. क्या आप जानते हैं कि मसाले खुद खाने का हिस्सा नहीं होते, लेकिन इनके बिना खाना अधूरा लगता है. आइए आज के इस लेख में हम मसालों से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी विस्तार से जानते हैं.
भारत के मसालों का निर्यात
भारत की अर्थव्यवस्था कृषि प्रधान है और मसालों का निर्यात भारत के लिए विदेशी मुद्रा अर्जित करने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है. भारतीय मसाले अपने स्वाद और औषधीय गुणों के कारण दुनिया भर में मशहूर हैं.
मसालों का प्रकार
मसालों को अंग्रेजी में स्पाइसेज और कॉन्डिमेंट्स कहा जाता है.
- स्पाइसेज: ये वो मसाले हैं जिन्हें साबुत, पिसा या घोलकर खाने में मिलाया जाता है, जैसे हल्दी, मिर्च, धनिया.
- कॉन्डिमेंट्स: ऐसे मसाले जो खाने में तड़का या बघार के रूप में इस्तेमाल होते हैं, जैसे जीरा, सरसों.
मसालों का आर्थिक महत्व
मसालों की खेती/ Spices Cultivation को नगदी फसल के रूप में जाना जाता है. यह किसानों के लिए अधिक आमदनी का जरिया बनती है. मसाला फसलों की खेती में नियमित देखरेख की आवश्यकता होती है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के मौके भी बढ़ते हैं. मसालों का औद्योगिक महत्व भी बहुत बड़ा है. इनका उपयोग कई उद्योगों में किया जाता है, जैसे:
- अचार और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ.
- मेंथोल और वाष्पशील तेल.
- सुगंधित साबुन, क्रीम, इत्र और दंत मंजन.
औषधीय गुण
प्राचीन काल से ही मसालों का उपयोग/Use of Spices विभिन्न रोगों के इलाज और स्वास्थ्य सुधारने के लिए किया जाता रहा है. मसाले वात, जठर रोग, गर्भाशय रोग, दंत रोग और पाचन संबंधी समस्याओं में उपयोगी माने जाते हैं.
मसालों में विशेष तत्व
मसालों में पाए जाने वाले एल्केलाइड और वाष्पशील तेल इन्हें खास बनाते हैं.
- एल्केलाइड: ये मसालों का तीखापन और चरपराहट पैदा करते हैं. उदाहरण के लिए, काली मिर्च में "पाइपेरिन" एल्केलाइड चरपराहट देता है.
- वाष्पशील तेल: ये तेल मसालों को सुगंधित बनाते हैं, जिससे भोजन ज्यादा स्वादिष्ट और रुचिकर लगता है.
मसालों के स्वास्थ्य लाभ
- मसालों में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, जो खाने को जल्दी खराब होने से बचाते हैं.
- ये भोजन को पचाने में मदद करते हैं.
- मसालों में एंटी-ऑक्सीडेंट और प्रतिरक्षा बढ़ाने वाले गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं.
मसालों का औद्योगिक उपयोग
मसाले सिर्फ खाने तक सीमित नहीं हैं. इनका उपयोग कई उद्योगों में किया जाता है:
- औषधि निर्माण: मसालों से दवाइयां और हर्बल चाय बनाई जाती हैं.
- सौंदर्य उत्पाद: क्रीम, लोशन, साबुन और इत्र में मसालों का उपयोग होता है.
- फूड इंडस्ट्री: मसालों का पाउडर और उनसे निकाले गए तेल खाने-पीने की चीजों में डाले जाते हैं.
मसालों का बढ़ता महत्व
आज के समय में मसालों की मांग लगातार बढ़ रही है. इनके विभिन्न रूपों में उपयोग से इनका मूल्य और बढ़ गया है. जैसे कि- मसालों का पाउडर रूप, इनसे निकाले गए वाष्पशील तेल और ऑलियोरेजिन्स और इनका भंडारण और निर्यात करना आसान होता है, जिससे इन मसालों की अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ती जा रही है.