मानसून में Kakoda ki Kheti से मालामाल बनेंगे किसान, जानें उन्नत किस्में और खेती का तरीका! ये हैं धान की 7 बायोफोर्टिफाइड किस्में, जिससे मिलेगी बंपर पैदावार दूध परिवहन के लिए सबसे सस्ता थ्री व्हीलर, जो उठा सकता है 600 KG से अधिक वजन! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Karz maafi: राज्य सरकार की बड़ी पहल, किसानों का कर्ज होगा माफ, यहां जानें कैसे करें आवेदन Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक Krishi DSS: फसलों के बेहतर प्रबंधन के उद्देश्य से सरकार ने लॉन्च किया कृषि निर्णय सहायता प्रणाली पोर्टल
Updated on: 14 February, 2023 4:00 PM IST
बेल पत्र का महत्व
Mahashivratri 2023: इस बार 18 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व बड़े ही हर्षो उल्लास के साथ मनाया जाएगा. शिवरात्री के अवसर पर शिवलिंग में जल और बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है.

बेल पत्र को बहुत ही पवित्र माना जाता है. इसलिए इसे हिंदू मान्यताओं के अनुसार देवी-देवताओं को चढ़ाया जाता है. बेल पत्र को संस्कृत में बिल्व पत्र के नाम से जाना जाता है. बिल्व का अर्थ है बेल का पेड़ और पत्र मतलब है पत्ता. इसके अलावा वैज्ञानिक दृष्टि से इसे औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है. साथ ही वेदों और पुराणों के अनुसार भी बेलपत्र का चिकित्सीय और सांस्कृतिक महत्व है.

पौराणिक महत्व

पौराणिक महत्व के अनुसार बेल पत्र जैसा कि एक त्रिकोणीय पत्ता है. इसे भगवानशिव ब्रह्माविष्णु और महेश की आंखों को दर्शाया गया है. इसलिए शिवरात्री के दौरान शिवलिंग में बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना गया है.

बेल पत्र का औषधीय महत्व

बेल पत्र को धार्मिक महत्व के साथ औषधीय लाभ गुणों से भरपूर माना जाता है. बेल पत्र के सेवन से शरीर में खनिज और विटामिन की कमी दूर होती हैक्योंकि इसमें विटामिन एसीविटामिन एसीकैल्शियमफाइबरपोटेशियम जैसे तत्वों की भरमार होती है.

बेल पत्र के रोजाना सेवन से उच्च रक्तचापकोलेस्ट्रॉल और हृदय संबंधी समस्याओं को नियंत्रण में रखा जा सकता है.

शरीर की हड्डी टूटने पर बेल पत्र को हल्दी और घी में मिलाकर मरहम के तौर पर लगाया जाए तो घाव जल्द ही पूरे होने लगते हैं. 

बेल पत्र के फायदे

    • बेल पत्र के पत्ते ही नहीं बल्कि जड़फलखाल, लकड़ी कई प्रकार की बीमारियों के लिए दवा के रूप में कार्य करते हैं.

    • बेल पत्र से मसूड़ों की समस्याअस्थमाएनीमियापीलिया आदि बीमारियों को आसानी से ठीक किया जा सकता है.

    • बेल पत्र के फल में टैनिन होता है जो हैजा और डायरिया के इलाज के लिए उपयोग में लाया जाता है. साथ ही बेल पत्र के फल के पाउडर के सेवन से भी डायरिया का इलाज किया जाता है.

    • बेल पत्र के पौधे में एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण पाए जाते हैं जो शरीर पर कई संक्रमणों से लड़ने में कारगर हैं.

    • बेल पत्र के सेवन से कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखा जा सकता है.

    • बेल पत्र से तैयार तेल को सर्दी और अस्थमा जैसे श्वसन संबंधी समस्या को ठीक किया जा सकता है.

ये भी पढ़ेंः बेल का पत्ता और फल के फायदे और नुकसान

  • यदि आप दिल संबंधी किसी भी समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको घी और पके हुए बेल फल के मिश्रण के रोजाना सेवन में लाना चाहिए. 

  • बेल पत्र के फल से कब्ज की समस्या को दूर किया जा सकता है.

  • बेल पत्र को त्वचा पर लगाने से त्वचा रोग ठीक होने लगते हैं साथ ही चेहरा खिलने लगता है.

  • बेल पत्र के जूस के सेवन से बाल झड़ने कम हो जाते हैं. साथ ही रूखे बालों को मुलायम करता है.

English Summary: Medicinal importance of Bel Patra, consumption of these diseases will cure
Published on: 14 February 2023, 03:10 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now