भारत विश्व में मछली उत्पादक का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड (National Fisheries Development Board - NFDB) के सहयोग से भारत में हर साल 10 जुलाई को राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मनाया जाता है. यह एक पौराणिक खोज का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है, जिसने भारतीय मछली पकड़ने के उद्योग में एक इतिहास रचा था.
राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड की स्थापना भी इसी तारीख को वर्ष 2006 में हुई थी. मत्स्य पालन क्षेत्र को आय और रोजगार उत्पन्न करने वाले एक शक्तिशाली क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यह कई सहायक उद्योगों के विकास को प्रोत्साहित करता है और यह सस्ता और पौष्टिक भोजन का स्रोत है, साथ ही साथ यह देश की आर्थिक रूप से पिछड़ी आबादी के एक बड़े वर्ग के लिए आजीविका का साधन भी है.
देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में मत्स्य क्षेत्र बहुत बड़ा योगदान है. मत्स्य पालन क्षेत्र, भारत में तेजी से विकसित होता हुआ क्षेत्र है, जो 28 मिलियन से ज्यादा लोगों को आय और रोजगार का अवसर प्रदान करने के अलावा देश की एक बड़ी आबादी को पोषण और खाद्य सुरक्षा भी प्रदान करता है. इस आयोजन में अधिकारियों, वैज्ञानिकों, पेशेवरों, उद्यमियों और विभिन्न हितधारकों के अलावा देश भर के मछुआरे और मत्यपालक किसान भाग लेते हैं.
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस (why we celebrate national fish farming)
देश में पहली बार ओडिशा के अंगुल में 10 जुलाई, 1957 को मेजर कॉर्प्स के प्रेरित प्रजनन (in boost breeding) में सफलता हासिल करने में प्रोफेसर डॉ. हीरालाल चौधरी और उनके सहयोगी डॉ. अलीकुन्ही के योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है. प्रेरित प्रजनन के इस अग्रणी काम ने बीते कई वर्षों में मत्स्यपालन के क्षेत्र के विकास को पारंपरिक से प्रबल मत्स्य पालन में बदल दिया है और आधुनिक मत्स्यपालन उद्योग की सफलता का नेतृत्व किया है. इसे राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड (NFDB) की स्थापना दिवस के रूप में भी मनाया गया.
भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक देश है, जिसका योगदान वैश्विक उत्पादन में 7.56% है और यह देश के सकल मूल्य वर्धित (GVA) में लगभग 1.24% और कृषि जीवीए (GVA) में 7.28% से ज्यादा का योगदान देता है. मत्स्य पालन और जलीय कृषि लाखों लोगों के लिए भोजन, पोषण, आय और आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्रोत बना हुआ है.
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साल 2019-20 के दौरान मत्स्य पालन क्षेत्र में निर्यात से प्राप्त आय 46,662.85 करोड़ रुपये रही है. यह क्षेत्र प्राथमिक स्तर पर लगभग 280 लाख लोगों को आजीविका प्राप्त करने में सहायता प्रदान करता है और मूल्य श्रृंखला के साथ इनकी संख्या लगभग दोगुनी है. पिछले कुछ वर्षों में मत्स्य पालन क्षेत्र में वार्षिक औसत वृद्धि दर 7% रही है. मछली पशु प्रोटीन का एक सस्ता और समृद्ध स्रोत है जिसके कारण यह भूखमरी और पोषक तत्वों की कमी को कम करने के लिए सबसे ज्यादा स्वास्थ्यप्रद विकल्पों में से एक है.