PM Kisan Yojana: पीएम किसान की 20वीं किस्त की तारीख का ऐलान, इस दिन आएगी आपके खाते में रकम! PM Kisan: किसानों के खातों में सीधे पहुंचे 3.69 लाख करोड़ रुपये, हर खेत के लाभार्थी तक पहुंचा पैसा 4 अगस्त तक दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश इन 5 राज्यों में झमाझम बारिश का अलर्ट, पढ़ें IMD की लेटेस्ट अपडेट किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 9 February, 2019 5:51 PM IST

मंदिर में प्रसाद के तौर पर दी जाने वाली सामग्री से तो आप परिचित हैं लेकिन भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां बाकी मंदिरों जैसा प्रसाद नहीं दिया जाता है. जी हां, यह प्रसाद बाकीयों से बिल्कुल अलग है. इससे पहले कि आप कुछ और सोचें हम आपको बताते हैं इस मंदिर और यहां मिलने वाले प्रसाद के बारे में.

केरल में स्थित है थक्कन पलानी का बाल सुब्रमण्यम मंदिर. यहां दिया जाने वाला प्रसाद कुछ हटकर है. इस मंदिर प्रसाद के रूप में चॉकलेट चढ़ाया जाता है और श्रद्धालुओं को प्रसाद में भी चॉकलेट ही दी जाती है. इस तरह का प्रसाद लोगों के बाच काफी लोकप्रिय है. दरअसल, स्थानीय मान्यता के मुताबिक मंदिर में स्थापित देवता को चॉकलेट का भोग लगाना शुभ माना जाता है. तो यह तो हुई बात मंदिर के प्रसाद की. अब जरा चॉकलेट से जुड़ी कुछ मजेदार बातें जान लेते हैं.   

चॉकलेट का जन्म 4,000 साल पहले हुआ था. यह वास्तव में एक मीठा खाद्य है. सर्वप्रथम इसका सेवन उपचार के लिए कड़वे पेय के रूप में किया गया था. इसका पहला निर्माण अमेरिका में हुआ था. यह कम लोग ही जानते हैं कि चॉकलेट कोको से बनती है. अमेरिकन जो पौधों की खेती करते थे, यह पौधे मध्य अमेरिका के वनों में पाए जाते थे.  फिर वह कोको के बीजों को एक पेस्ट में मिलाते थे, जिसमें पानी, वेनिला, शहद, मिर्च और अन्य मसालों को मिलाकर उस मिश्रण को पीते थे. यह एक चॉकलेट शेक की तरह होता था जिसका स्वाद मीठा, नमकीन और थोड़ा तीखा होता था.

ओल्मेक, मेयन और एज़्टेक सभ्यताओं ने चॉकलेट को एक स्फूर्तिदायक पेय, मूड बढ़ाने वाला पेय पाया. जिससे उन्हें विश्वास हो गया कि इसमें रहस्यमय और आध्यात्मिक गुण हैं.

चॉकलेट बनाने की शुरुआत

इसका आविष्कार अमेरिका में जरूर हुआ पर इसकी खेती सबसे ज्यादा अफ्रीका में की जाती है. 15 वीं सदी में स्पेन के राजा ने मेक्सिको को अपने कब्ज़े में कर लिया. जिसके बाद स्पेन के राजा कोको के बीज स्पेन ले आए और स्पेन में कोको उगानी शुरू कर दी. इसके बाद उसके द्वारा बनाया पेय स्पेन के लोगों को खूब पसंद आया और उन्होंने उसे अपने पसंदीदा पेय में शामिल कर लिया. पेय पदार्थ के प्रयोग के बाद इसे खाने के लायक सॉलिड फॉर्म में बनाया गया और इसका नाम कैडबरी मिल्क चॉकलेट रखा गया था.

जब चॉकलेट बनाने की शुरुआत की गई तब इसे बनाने के कई अलग तरिके अपनाए गए. धीरे-धीरे चॉकलेट में बदलाव आते रहे उसके स्वाद और उसके रंग में भी कई बदलाव किये गए. पहले की चॉकलेट काफी तीखी होती थी क्योंकि उसमें कई तरह के मसालों का इस्तेमाल किया जाता था. हर साल 9 फरवरी को चॉकलेट डे भी मनाया जाता है. चॉकलेट हर किसी की पहली पसंद है. लोग एक-दूसरे के प्रति प्यार जताने के लिए इसे भेंट में देते हैं. आज के युवा चॉकलेट के दीवाने हैं

English Summary: history of choclate day
Published on: 09 February 2019, 05:57 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now