मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया (MFOI) अवार्ड्स 2024 क्या है, और रजिस्ट्रेशन कैसे करें? बागवानी फसलों के लिए बेहद फायदेमंद है समुद्री शैवाल के अर्क, जानें उपयोग की विधि और लाभ! बैंगन एवं टमाटर की खेती में लगने वाले बैक्टीरियल विल्ट रोग के कारण, लक्षण, जानें कैसे करें प्रबंधित केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक शहरी मधुमक्खी पालन की ओर बढ़ रहा लोगों का रुझान, यहां जानें सब कुछ
Updated on: 11 September, 2021 5:24 PM IST
Hindi Diwas

हिंदी को देश की राजभाषा माना जाता है, इसलिए हर साल 14 सितंबर हिन्दी दिवस (Hindi Diwas) मनाया जाता है. पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था और तब से आज तक हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) के रूप में मनाते हैं.

हिंदी दिवस का इतिहास? (History of Hindi Day?)

आपको बता दें कि जब साल 1947 में देश आजाद हुआ, तब संविधान में नियमों और कानून के अलावा नए राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का मुद्दा भी अहम था. इसके बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक मत से फैसला लिया कि भारत की राजभाषा हिन्दी होगी.

यही वजह है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हिन्दी को जनमानस की भाषा कहा था. उन्होंने साल 1918 में आयोजित हिन्दी साहित्य सम्मेलन में हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए कहा था.

हालांकि, हिन्दी को राजभाषा बनाने को लेकर काफी लोग खुश नहीं थे. इसका काफी विरोध भी हुआ था. इसके चलते अंग्रेजी को भी राजभाषा का दर्जा दे दिया गया था.

हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why is Hindi Day celebrated?)

सभी जानते है कि भारत सालों तक अंग्रेजों की गुलामी करता रहा, इसलिए इस गुलामी का असर काफी लंबे समय तक देखने को मिला. इसका ज्यादातर असर भाषा पर भी पड़ा. वैसे तो हिन्दी दुनिया की चौथी ऐसी भाषा है, जिसे सबसे ज्याम बोला जाता है, इसके बावजूद हिन्दी को हीन भावना से देखा जाता है.

हिन्‍दी समृद्ध भाषा है, फिर भी लोग हिन्‍दी लिखते और बोलते समय अंग्रेजी भाषा के शब्‍दों का इस्‍तेमाल करते हैं. इतना ही नहीं, हिन्‍दी के कई शब्‍द चलन से ही हट गए. ऐसे में हिन्‍दी दिवस को मनाना बहुत जरूरी हो गया, ताकि लोगों को याद रहे कि हिन्‍दी उनकी राजभाषा है. इस भाषा का सम्‍मन व प्रचार-प्रसार करना उनका कर्तव्‍य है. हिंदी दिवस के मौके पर स्कूल, कॉलेज और कार्यालय में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते है.

बता दें कि भारत में अंग्रेज़ी भाषा का क्रेज़ बढ़ता जा रहा है. दरअसल, अंग्रेज़ी भाषा में देश और विदेश, दोनों में अवसर ज़्यादा होते हैं, इसलिए इस भाषा के पीछे लोग भाग रहे हैं. ऐसे में हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी की अनदेखी हो रही है. इस चलन को रोकने के लिए हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है.

आज़ादी मिलने के 2 साल बाद 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था. इसके बाद से ही हिन्दी दिवस मनाया जाने लगा.

अब हर साल यह दिन 'हिंदी दिवस' के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन को महत्‍व के साथ याद करना इसलिए जरूरी है, क्‍योंकि अंग्रेजों से आज़ाद होने के बाद यह देशवासियों की स्‍वाधीनता की एक निशानी भी है. इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और अन्य साहित्यिक संस्थाओं में हिंदी दिवस पर सम्मेलन, गोष्ठियां, परिचर्चा आदि आयोजित किए जाते हैं.

English Summary: Hindi Divas: Why celebrate Hindi Divas?
Published on: 11 September 2021, 05:26 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now