हिंदू धर्म में बसंत पंचमी का त्योहार (Basant Panchami festival) बहुत ही खास माना जाता है. दरअसल इस दिन को बेहद शुभ इसलिए माना जाता है क्योंकि इस त्योहार पर मां सरस्वती की पूजा (maa saraswati ki pooja) की जाती है. बसंत पंचमी को बसंत ऋतु की शुरुआत भी माना जाता है. यह भी माना जाता है कि इस दिन मां सरस्वती प्रकट हुई थीं. इसलिए इस दिन भक्त मां सरस्वती की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करते हैं.
भारत में विभिन्न नामों से जानी जाती हैं बसंत पंचमी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि देशभर में विभिन्न शहरों में बसंत पंचमी को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. जैसे कि श्री पंचमी, ज्ञान पंचमी, मधुमास, बागेश्वरी, भगवती, शारदा, वीणा वादिनी और वाग्देवी आदि. इस साल की बसंत पंचमी आज यानी 26 जनवरी 2023 74 वें गणतंत्र दिवस के शुभ मौके पर पड़ी है.
आज के दिन छात्र जरूर करें पूजा (Students must worship on this day)
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, आज के दिन सभी छात्रों में मां सरस्वती की पूजा पूरे विधि विधान के साथ करनी चाहिए. माना जाता है कि आज के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से ज्ञान और साथ ही विद्या की प्राप्ति होती है.
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती है. शास्त्रों में अक्षर अभ्यासम, विधा आरंभ, यात्रा संगीत और शिक्षा संबंधित कार्यों को बसंत पंचमी के दिन करना बेहद शुभ माना गया है. यह भी माना जाता है कि आज के दिन इन सभी कार्यों को करने से सफलता अवश्य मिलती है.
आज के दिन सभी मांगलिक कार्य को शुरू करना बहुत शुभ माना जाता है. ज्यादातर लोग भी अपने मांगलिक कार्य को पूरा करने के लिए बसंत पंचमी के दिन का इंतजार करते हैं. ताकि वह अपने कार्य को सफलतापूर्वक कर सके और लाभ प्राप्त कर सके.
ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा (Worship Maa Saraswati like this)
शास्त्रों के मुताबिक, आज के दिन मां सरस्वती की पूजा करने के लिए आपको सबसे पहले मां सरस्वती की प्रतिमा को स्थापित करना है. ध्यान रहे जिस स्थान पर आप मूर्ति को स्थापित कर रहे हैं. वहां पीले रंग के कपड़ा जरूर बिछाए.
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माता की पूजा में आप रोली, मौली, हल्दी, केसर, अक्षत, पीले या सफेद रंग के फूल मां को समर्पण करें. इसके अलावा आप पूजा स्थान पर वाद्ययंत्र और किताबों को जरूर रखें. क्योंकि मां सरस्वती को विद्या की देवी कहा जाता है. अंत में मां सरस्वती की वंदना करें.