Hydrogen Ferry: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के दो दिवसीय दौरे पर रहे हैं, यहां उन्होंने बुधवार को थूथुकुडी में लगभग 17 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की परियोजनाओं का शिलान्यास किया है. पीएम ने देश की सबसे पहली हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाली फेरी को भी लॉन्च किया है. तमिलनाडु की तरफ से काशी के लोगों के लिए हाइड्रोजन फ्यूल सेल फेरी एक तोहफा है, इसे काशी की गंगा नदी में चलाया जाएगा.
जीरो एमिशन और नॉइज
भारत की इस पहली स्वदेशी हाइड्रोजन फ्यूल सेल फेरी में जीरो एमिशन और जीरो नॉइज होता है, जिससे यह ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को भी कम करने का काम करती है. आपकी जानकारी के लिए बता दें, फ्यूल सेल फेरी का निर्माण कोचीन शिपयार्ड ने किया है. कोचीन शिपयार्ड के मुताबिक, समुद्री फ्यूल के रूप में हाइड्रोजन को अपनाना देश की सतत भविष्य की ओर प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाना है.
ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को करता है कम
हाइड्रोजन फ्यूल सेल फेरी का निर्माण करने वाली कोचीन शिपयार्ड कंपनी ने अपने एक बयान में कहा कि, हाइड्रोजन फेरी की पहल अंतर्देशीय जलमार्ग पोत समुद्री क्षेत्र के लिए टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन करने के लिए पायलट परियोजना का काम करेगी. कंपनी ने कहा, हाइड्रोजन फ्यूल से चलने वाली पोत में जीरो एमिशन, जीरो नॉइज होता है और यह ऊर्जा कुशल भी है. इससे ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव को भी कम किया जा सकता है.
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क्या है हाइड्रोजन ऊर्जा?
हाइड्रोजन एक बहुत ही सस्ता, साफ, अपारदर्शी और पर्यावरण के लिए पूरी तरह से क्लीन ऊर्जा है. है. इसका उपयोग जल और वायु को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं पहुंचाता है. हाइड्रोजन का वाहनों में फ्यूल के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे प्रदूषण भी नहीं होता है. आपको बता दें, हाइड्रोजन को जलाने पर इसके वेस्टेज के रूप में केवल पानी निकलता है, जिससे कोई नुक्सान नहीं होता है. इसलिए हाईड्रोजन को पूरी तरह से पॉल्यूशन फ्री भी माना जाता है.