खेती-किसानी में कृषि क्षेत्र से संबंधित किसान भाइयों के पास कई तरह के कार्य होते हैं. अगर वह अपनी फसल से कम समय में अच्छा उत्पादन प्राप्त करना चाहते हैं, तो उन्हें कई तरह के उन्नत कार्यों को करना होता है. चाहें वह कृषि मशीन (Agriculture machine) से लेकर हो या फिर खाद-बीज (Compost seed) हो. इसके लिए किसानों के पास सफलतापूर्वक प्रशिक्षण होना चाहिए.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हरियाणा एग्रीकल्चर मैनेजमेंट एक्सटेंशन ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (HAMETI) किसानों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहती है. इसी कड़ी में यह संस्थान खाद-बीज बेचने के लिए डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर(Diploma in Agriculture Extension Services for Input dealer) उपलब्ध करवाएगी.
ट्रेनिंग के बाद मिलेगा डिप्लोमा
बता दें कि हमेटी की तरफ से 10वीं पास युवाओं को डिप्लोमा प्राप्त कर सरलता से खाद-बीज के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए युवाओं को पहले ट्रेनिंग दी जाएगी. जोकि सप्ताह में एक दिन की होगी और यह ट्रैनिंग 48 सप्ताह तक जारी रहेगी. इसके बाद ही आपको डिप्लोमा दिया जाएगा.
किसी भी राज्य में मिलेगा लाइसेंस
एक बार अगर आप यह डिप्लोमा प्राप्त कर लेते हैं, तो इसके बाद आप भारत के किसी भी राज्य से सरलता से बीज, खाद व दवाई बेचने के लिए लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए आपको कोई अन्य डिप्लोमा नहीं दिखाना होगा. इसी एक डिप्लोमा से आप कहीं भी खाद-बीज के लिए लाइसेंस पा सकते हैं.
डिप्लोमा की फीस (Diploma fees)
इस डिप्लोमा के लिए युवाओं के करीब 20 हजार रुपए की फीस का भुगतान करना होगा. अगर आप यह फीस नहीं देते हैं, तो आपको यह डिप्लोमा नहीं दिया जाएगा और न ही अन्य कोई सुविधा प्राप्त होगी.
खाद-बीज के लिए लाइसेंस कृषि विभाग के जिला उप कृषि निदेशक के द्वारा ही जारी किया जाता है. यह लाइसेंस उन्हीं लोगों को दिया जाता है, जिनके पास डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर होगा.
अब डिप्लोमा से ही मिलेगा लाइसेंस
मिली जानकारी के मुताबिक, पहले यह डिप्लोमा सिर्फ उन्हीं व्यक्तियों को दिया जाता था, जो लोग कृषि से संबंधित व्यवसाय कर रहे हैं और उनके पास लाइसेंस है. लेकिन अब ऐसा नहीं होता है. अब किसी को भी बिना डिप्लोमा के खाद-बीज व दवाइयों को बेचने का लाइसेंस नहीं मिलेगा.
डिप्लोमा के लिए मिली ट्रेनिंग के फायदे
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विक्रेताओं के पास सही कीटनाशक दवाइयां की पूरी जानकारी होगी.
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किसान भाइयों को खाद-बीज से लेकर अन्य कई तरह की मदद करने में सक्षम होंगे.
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बाजार में नकली खाद- बीज की पहचान सरलता से कर पाएंगे.
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फसल में लगने वाले रोगों की जानकारी का तुरंत हल निकाल पाएंगे.