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Updated on: 9 February, 2019 4:39 PM IST

फरवरी माह काफी उल्लास भरा और खुशनुमा माह होता है क्योंकि एक तो यह महीना 28-29 दिनों का होता है और दूसरा, इस महीने में युवा कई ख़ास दिन भी मनाते हैं. यह साल में सबसे छोटा महीना होता है. इस महीने को लोगों का मनचाहा महीना भी कहते हैं. इसी महीने में बसंत पंचमी का पर्व भी आता है. वसंत पंचमी का एक ख़ास महत्व होता है. हिन्दू धर्म में इस दिन लोग सरस्वती माता की पूजा करते हैं. सरस्वती माता को विद्या की देवी का दर्ज़ा दिया गया है. वसंत पंचमी के दिन लोग पीले रंग के कपड़े पहनते हैं.

बसंत पंचमी की पूरी कथा

कहा जाता है कि जब भागवन विष्णु ने ब्रह्मा जी को पूरी सृष्टि रचने की आज्ञा दी तो ब्रह्मा जी ने देखा कि संसार में तो हर तरफ सन्नाटा, सुनसान निर्जन ही दिखाई दे रहा है. इसकी वजह से फैली उदासी और मलीनता आदि को दूर करने के लिए ब्रह्मा जी ने अपने कमंडल से जल निकाला  और उस जल को जमीन पर छिड़का. जब उस जल की बूंदे धरती पर गिरीं तो पेड़ों से एक शक्ति उत्पन्न हुई. जो अपने दोनों हाथों से वीणा बजा रही थी और उसके हाथों में पुस्तक थी. उसने माला धारण की हुई थी फिर उस शक्ति ने संसार के जीवों को वाणी दान की इसलिये उस देवी को सरस्वती का नाम दिया गया. सरस्वती वाणी, बुद्धि और विद्या की देवी कहलाती है. इसलिये बसंत पंचमी के दिन हर घर में सरस्वती की पूजा  की जाती है. बसंत पंचमी का दूसरा नाम ही सरस्वती पूजा है. होली की शुरुआत भी बसंत पंचमी वाले दिन से ही होती है. इस दिन से ही पहली बार गुलाल उड़ाना शुरू कर देते हैं.

ध्यान देने योग्य बातें

वसंत पंचमी के दिन पूजा करते समय पीले या फिर सफेद कपड़े पहनें.

सरस्वती माता की पूजा उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके करें.

इस दिन काले और लाल कपड़े पहनने से परहेज करें. 

इस दिन में दही, खीर, आदि चीज़ों को अर्पित करें

माँ सरस्वती के मूल मंत्र "ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः" का जाप करें.

English Summary: Do you know what special on basant panchmi 2019
Published on: 09 February 2019, 04:46 PM IST

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