Dale Khursani Chilli : सिक्किम का चेरी लाल मिर्च, जिसे डले खुर्सीनी भी कहा जाता है. ये पूरी दुनिया में काफी मशहूर है. इले खुर्सीनी को दुनिया की सबसे तीखी मिर्च के तौर पर भी जाना जाता है. डले खुर्सीनी की खेती खासकर के सिक्किम के उत्तरी व पूर्वी जिलों में सबसे ज्यादा की जाती है. इस मिर्च की खेती आमतौर पर मार्च और अप्रैल में होती है और जुलाई और अगस्त माह में फसल तैयार हो जाती है. डले खुर्सीनी की फलियां लाल रंग की होती हैं और उनका आकार चेरी के जैसा होता है. डले खुर्सीनी का उपयोग कई व्यंजनों में किया जाता है, जैसे कि सब्जी और चटनी आदि. सिक्किम के इस लाल मिर्च को भौगोलिक संकेत (GI) टैग भी मिल चुका है. ऐसे में आइये जानते हैं दुनिया की सबसे तीखी मिर्ची डले खुर्सीनी के बारे में...
दुनिया की सबसे तीखी मिर्ची डले खुर्सीनी की खेती
डले खुर्सीनी की खेती खासकर के सिक्किम के उत्तरी व पूर्वी जिलों में सबसे ज्यादा की जाती है. डले खुर्सीनी को सिक्किम की पर्वतीय जलवायु में उगाया जाता है. यहां की मिट्टी और विशेष जलवायु की वजह से यहां की मिर्च में सबसे ज्यादा तीखी कड़वाहट होती है. डले खुर्सीनी को आमतौर पर ताजा या सूखे रूप में खाया जाता है. इसे अक्सर सब्जियों, मांस और चावल के व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है.
डले खुर्सीनी मिर्ची स्वास्थ्य के लिए लाभदायक
डले खुर्सीनी जितनी तीखी मिर्च है उतना ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी है. ये अपने तीखीपन की वजह से ही हमारी कई बीमारियों को दूर कर देती है. डले खुर्सीनी मिर्ची में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. इस मिर्ची में एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट है. इतना ही नहीं ये हमारे पाचन तंत्र को मजबूत करने में काफी कारगर है. इसमें एक गुण ये भी होता है कि इसमें कैंसर को रोकने वाले गुण मौजूद होते हैं. इस मिर्च के सेवन करने से हमारे शरीर में कैंसर के उत्तक नहीं पनपते.
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डले खुर्सीनी मिर्ची का ज्यादा सेवन करने से बचें
दुनिया की सबसे तीखी मिर्ची का सेवन संतुलित मात्रा में ही करनी चाहिए. वरना इसके अधिक सेवन करने से कई तरह के बीमारियां हमें परेशान कर सकती हैं. इनमें पेट दर्द, उल्टी, चक्कर आना जैसी बीमारी शामिल हैं.