हर साल 14 अप्रैल को बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती (Babasaheb Bhimrao Ambedkar's birth anniversary) के तौर पर मनाया जाता है. इस साल अंबेडकर जी की यह 131वीं जयंती है. इस दिन को पूरे देश में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है. विशेष तौर पर पिछड़ी जाति के लोगों के लिए यह दिन बहुत ही खास होता है.
आपको बता दें कि डॉ. भीमराव अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) को भारत रत्न (Bharat Ratna) भी से नवाजा गया है. इनका पूरा जीवन संघर्ष से भरा रहा है. भारत की आजादी के बाद उन्होंने देश के संविधान के निर्माण में अपना भरपूर योगदान दिया है. इन्हें सामाजिक नवजागरण के अग्रदूत और समतामूलक समाज के निर्माणकर्ता माना जाता है.
डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन परिचय (Biography of Dr. Bhimrao Ambedkar)
आपको बता दें कि, डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्य प्रदेश के महू गांव में 14 अप्रैल 1891 में हुआ था. इनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई था. बाबा साहेब भारतीय राजनीतिज्ञ, न्यायविद और अर्थशास्त्री के ज्ञानी थे. इसी के कारण उन्होंने हिंदू जाति व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ी और छुआछूत के खिलाफ भेदभाव का विरोध किया और उन्हें उनका हक दिलवाया. इसके अलावा अंबेडकर जी ने लेबर पार्टी का भी गठन किया था. साथ ही वह संविधान समिति के अध्यक्ष भी रहें. भारत आजादी के बाद उन्हें देश का कानून मंत्री नियुक्त किया गया. इतना ही नहीं, यह राज्यसभा से दो बार सांसद चुने गए थे. 6 दिसंबर 1956 को देश के संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का निधन हो गया. इनके निधन के बाद साल 1990 में इन्हें भारत सर्वोच्च सम्मान रत्न से सम्मानित किया गया था.
अंबेडकर जी के प्रेरणादायक विचार (Ambedkar's inspirational thoughts)
बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने समाज को हमेशा प्रेरणादायक विचार दिए है, जो लोगों को उनके कर्तव्य और ऊर्जा का एहसास दिलाते हैं. यह प्रेरणादायक विचार कुछ इस प्रकार से हैं...
- शिक्षित बनो, संगठित रहो और उत्तेजित बनो.
- जिंदगी लंबी होने की बजाय महान होनी चाहिए.
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- धर्म मनुष्य के लिए है न कि मनुष्य धर्म के लिए.
- बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए.
- वो लोग कभी इतिहास नहीं बना सकते, जो इतिहास को भूल जाते हैं.
- मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाएं.
- उदासीनता सबसे खराब तरह की बीमारी है, जो लोगों को प्रभावित कर सकती है.
- अगर मुझे लगता है कि संविधान का दुरुपयोग किया जा रहा है, तो मैं सबसे पहले इसे जलाऊंगा.