हर साल 10 जुलाई के दिन भारत भर में राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मनाया जाता है. राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस पूरे देश के लिए मत्स्य किसानों के व्यापक योगदान और टिकाऊ जलीय कृषि के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को पहचानने का एक अवसर है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस मछली प्रोटीन की बढ़ती मांग को पूरा करने, रोजगार के अवसर पैदा करने और देश की खाद्य सुरक्षा में योगदान देने में मत्स्य किसानों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करता है. इसी कड़ी में ICAR-CIFRI, एक प्रमुख संस्थान अपने अनुसंधान, विस्तार और प्रशिक्षण की दिशा में काम कर रहा है.
देखा जाए तो 1947 में अपनी स्थापना के बाद से ही संस्थान उत्साहपूर्वक विभिन्न गतिविधियों का संचालन कर रहा है. पूरे भारत में मछुआरों की आजीविका में सुधार को लक्षित करने वाले कार्यक्रम संस्थान के द्वारा आय़ोजित किए जाते रहे हैं. इसी कड़ी में 10 जुलाई के दिन 11:00 बजे, डॉ. हीरालाल चौधरी और टीम द्वारा बैरकपुर स्थित ICAR-CIFRI मुख्यालय में 'राष्ट्रीय मछली किसान दिवस-2023' मनाया जाएगा. अनुमान है कि इस दौरान इस कार्यक्रम में लगभग 100 किसान भाग ले सकते हैं.
राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस का उद्देश्य (Objective of National Fish Farmers Day)
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मछली पालकों की आय में बढ़ोत्तरी की जा सके.
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अधिकतम मछली पालन को प्रोत्साहित करके , मछली निर्यात को बढ़ावा देना.
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जलीय पर्यावरण को संतुलित रखना
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मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता की बेहतर गुणवत्ता, तकनीकी समाधान, बुनियादी ढांचे व प्रबंधन संबंधी समस्याओं का समाधान करना है.
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय मत्स्य किसान दिवस
देश में पहली बार ओडिशा के अंगुल में 10 जुलाई, 1957 को मेजर कॉर्प्स के प्रेरित प्रजनन (in boost breeding) में सफलता हासिल करने में प्रोफेसर डॉ. हीरालाल चौधरी और उनके सहयोगी डॉ. अलीकुन्ही के योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है.
प्रेरित प्रजनन के इस अग्रणी काम ने बीते कई वर्षों में मत्स्यपालन के क्षेत्र के विकास को पारंपरिक से प्रबल मत्स्य पालन में बदल दिया है और आधुनिक मत्स्यपालन उद्योग की सफलता का नेतृत्व किया है. इसे राष्ट्रीय मत्स्य पालन विकास बोर्ड (NFDB) की स्थापना दिवस के रूप में भी मनाया गया.