आज से एक साल पहले 23 मार्च, 2019 को दुनियाभर में विश्व मौसम विज्ञान दिवस की शुरुआत हुई. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को मौसम में हो रहे तरह-तरह के परिवर्तनों के प्रति जागरुक करना है. जिससे वो समय रहते खुद को इन बदलावों से लड़ने के लिए तैयार कर सकें. इसके लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक मौसम सम्बंधित नए-नए शोध करते रहते हैं. जिससे किसानों को मौसम का अंदेशा रहे और वे अपनी फसलों की समय पर सुरक्षा कर सकें.
विश्व मौसम विज्ञान दिवस की थीम
प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को यह दिवस विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा मनाया जाता है. पिछले वर्ष 2019 में विश्व मौसम विज्ञान संगठन का विषय (Theme) “The Sun, the Earth and the Weather” था. इस वर्ष विश्व मौसम विज्ञान दिवस के विषय "मौसम तैयार, जलवायु स्मार्ट'' का मुख्य मकसद दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन और पानी के लिए बादलों के महत्व पर जोर देना होगा.
मिलते हैं ये अवॉर्ड
इस दिवस पर मौसम विज्ञान शोध के लिए पुरस्कार भी रखे गए हैं. इन पुरस्कारों में कई अवॉर्ड शामिल किए गए हैं-
डॉ. विल्हो वाईसाईला अवॉर्ड
इंटरनेशनल मेटरोलॉजिकल ऑर्गेनाइजेशन प्राइज़
द नोर्बर्ट गेरबीयर- मुम्म इंटरनेशनल अवॉर्ड
मौसम विज्ञान से किसानों का फायदा
मौसम विज्ञान के जरिए अब तो व्हाट्सप्प पर किसानों को बारिश की मात्रा, हवा का रुख, आर्द्रता और तापमान सहित मौसम के अन्य पहलुओं के पूर्वानुमान मिल जाते हैं. इसके आधार पर फसलों की बुवाई, सिंचाई और कटाई सहित अन्य अहम कार्य किसान समय पर कर लेते हैं. मौजूदा वक्त में इस सेवा के लिए विभाग, अत्याधुनिक एग्रोमेट सॉफ्टवेयर की मदद ले रहा है.