विश्व बैंक (World Bank) देशभर में मुख्य रूप से भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में मिनी और मेगा फूड पार्कों को वित्त प्रदान करने के लिए 3,000 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान करेगा. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री (Union Minister of State for Food Processing Industries) रामेश्वर तेली ने कहा है कि इस कदम से किसानों की आय को बढ़ावा मिलेगा.
मंत्री ने कहा कि स्वीकृत राशि के वितरण से पहले कुछ छोटी औपचारिकताओं को पूरा किया जाना बाकि है. उन्होंने 15 वें इंडो-यूएस इकोनॉमिक्स समिट को संबोधित करते हुए कहा कि जो इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स- नॉर्थ इंडिया काउंसिल (IACC- NIC) द्वारा आयोजित की गई थी. तेली ने कहा कि "विश्व बैंक ने खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए 3,000 करोड़ रुपये की राशि को मंजूरी देने पर सहमति व्यक्त की है ताकि वह देश भर में मिनी और मेगा फूड पार्क को सक्षम कर सके".
मंत्री ने इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स- नॉर्थ इंडिया काउंसिल (IACC-NIC) द्वारा जारी एक बयान में इंडिया इंक (Indian inc ) को सलाह दी कि वह आगे आए और पूरे देश में खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां (food processing units ) स्थापित करने के लिए सरकार की नीतियों का लाभ उठाए. जिसमें 75 फीसद तक सब्सिडी प्रदान की जा रही है.
इन दिनों सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए पूरी कोशिश कर रही है और मेगा और मिनी फूड पार्कों पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है ताकि किसानों द्वारा संसाधित और उत्पादित अनाज को आशावादी तरीके से पूरा किया जाए और अंततः किसान इस तरह के नीतिगत फैसलों से लाभान्वित हों. तेली ने कहा कि "वास्तव में 10 एकड़ भूमि की छत के भीतर फूड पार्क और मिनी फूड पार्क को मंजूरी देने के लिए इन दिनों प्रयास किए जा रहे हैं क्योंकि हर राज्य में विशाल परिदृश्य उपलब्ध नहीं हैं,". उन्होंने यह कहकर समाप्त कर दिया कि खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के लिए दिए गए बजट को इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 1,400 करोड़ रुपये के मौजूदा स्तर से 3,000 करोड़ रुपये प्रति वर्ष दिए जाने चाहिए.