पुरुष प्रधान देश में अगर महिलाओं की समस्याएं सुनी और समझी जाएं, तो यह समझ लेना चाहिए कि देश तरक्की के राह पर निकल चुका है. कुछ ऐसा ही भारत में भी देखा जा रहा है. महिलाओं की बात करें, तो आज से कुछ समय पहले तक उनका आधा समय रसोई में ही चला जाता था.
जिसकी वजह लकड़ी और जलावन वाले चूल्हे थे. इस पर उन्हें पूरे परिवार के लिए खाना बनाना पड़ता था, लेकिन अब समय और हालात में बदलाव रहे हैं. महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा को मद्दे नजर रखते हुए सरकार ने हर घर एलपीजी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री उज्जवला योजना लेकर आई है. मगर अब भी समस्या का समाधान पूरी तरह नहीं निकल पाया है और समस्या एलपीजी सिलेंडर का भारी वज़न है. जिसे उठाने में महिलाओं को घर के पुरुषों पर आश्रित होना पड़ता है. इसको खत्म करने के लिए अब आवाज़ें उठने लगी हैं.
एलपीजी सिलेंडर का वजन होगा कम
एलपीजी गैंस को लेकर पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने कहा है कि सिलेंडर के वजन को लेकर केंद्र सरकार जल्द एक फैसला लेने जा रही है. इस फैसले के बाद एलपीजी गैस सिलेंडर के वजन को कम किया जा सकेगा. इससे सिलेंडर को इधर-उधर ले जाने में महिलाओं को समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुविधाओं का ध्यान रखते हुए जल्द से जल्द कोई बेहतर विकल्प की तलाश की जा रही है.
संसद में रसोई गैस सिलेंडर के भारी होने की समस्या का जिक्र करते हुए हरदीप पूरी ने कहा, सिलेंडर का वजन ज्यादा होने से लोगों को उसे इधर से उधर ले जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा समस्या उन महिलाओं को आती है, जिन्हें गैस सिलेंडर भरवाने के लिए दूर-दराज के क्षेत्र में जाना पड़ता है.
महिलाओं को होती है समस्या
ग्रामीण इलाकों की बात करें, तो वहां की महिलाओं के साथ ये अक्सर होता है कि उन्हें एलपीजी भरवाने के लिए दूर जाना पड़ता है. ऐसे में उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान खोजने के लिए सरकार कोई बेहतर विकल्प की तलाश कर रही है. भले ही हमें 14.2 किलो के सिलेंडर के साथ 5 किलो के सिलेंडर बाजार में उतारने पड़े.
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महंगाई की मार
वहीं, अगर महंगाई की बात करें, तो ऐसा लगने लगा है कि भारत जल्द ही सभी देशों को पीछे छोड़ महंगाई में आगे निकलने वाला है. पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों से जहाँ पहले ही लोग परेशान चल रहे थे, वहीं अब सरकार ने एलपीजी की कीमत भी बढ़ा दी है. एक तरफ कोरोना काल के बाद जहां लोगों ने खुद को आर्थिक रूप से संभालना शुरू किया था, तो वहीं सरकार की मनमानी ने जनता को परेशान कर दिया है.
भारत सरकार ने एक दिसंबर को 19 किलोग्राम यानि कमर्शियल सिलेंडर पर 100 रुपए की बढ़ोत्तरी कर दी, जिससे लोगों के व्यापार पर महंगाई की अतिरिक्त मार पड़ने लगी हैं.
वहीं 2093 रुपए का मिलने वाला कॉमर्शियल सिलेंडर अब 2193.50 का मिल रहा है. इस बढ़ोत्तरी से लोगों को व्यापार पर महंगाई की अतिरिक्त मार पड़ी है. हालांकि, सरकार ने घरेलू प्रयोग में आने वाले गैस सिलेडंर के दामों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है. पेट्रोल और डीजल के दाम कम होने के बाद लोगों को उम्मीद है कि सरकार जल्द ही एलपीजी गैस पर रेट कम करेगी.