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Updated on: 24 April, 2023 5:17 PM IST
पशुपालन-डेयरी क्षेत्र के विकास में वैज्ञानिकों का योगदान भी अविस्मरणीय

राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल के शताब्दी वर्ष में 19वां दीक्षांत समारोह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के मुख्य आतिथ्य में हुआ. हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक विशेष अतिथि थे.

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत में डेयरी उद्योग के प्रबंधन में नारी-शक्ति अहम भूमिका निभा रही है. डेयरी सेक्टर में 70 प्रतिशत से अधिक भागीदारी महिलाओं की है. बहुत खुशी की बात है कि आज डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में एक-तिहाई से अधिक लड़कियां हैं, स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों में भी 50 प्रतिशत लड़कियां हैं.

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि डेयरी सेक्टर का महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के साथ-साथ उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने में ख़ास महत्व है. हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि इन महिलाओं के पास निर्णय लेने और नेतृत्व प्रदान करने के लिए समान अधिकार व अवसर हों. इसके लिए इन महिलाओं को शिक्षा, प्रशिक्षण तथा कौशल विकास के लिए अधिक अवसर उपलब्ध कराने की आवश्यकता हैं. साथ ही डेयरी फार्मिंग में महिलाओं को उद्यमी बनाने हेतु आसान ऋण की व्यवस्था व बाजार पहुंच की सुविधा होनी चाहिए. उन्होंने पंजाब- हरियाणा के किसानों द्वारा हरित क्रांति के साथ-साथ श्वेत क्रांति की सफ़लता में भी विशेष भूमिका निभाने का जिक्र करते हुए किसानों का अभिनंदन किया. उन्होंने कहा कि दूध व दूध से जुड़े उत्पाद हमेशा से भारतीय खान-पान और संस्कृति का अटूट हिस्सा रहे हैं. मां के दूध के साथ गाय का दूध भी स्वास्थ्य के लिए अमृत माना जाता है. ऋग्वेद में कहा गया है: गोषु प्रियम् अमृतं रक्षमाणा अर्थात गोदुग्ध अमृत के समान है, जो रोगों से रक्षा करता है. दूध को पवित्र माना जाता है, इसलिए इसका उपयोग देवताओं के अभिषेक के लिए भी किया जाता है. आज भी देश में बुजुर्गों द्वारा महिलाओं को 'दूधो नहाओ-पूतो फलो' का आशीर्वाद दिया जाता है. गाय और अन्य पशुधन भारतीय समाज-परंपराओं का अभिन्न अंग रहे हैं. भारतीय परंपरा में गाय सहित पशुधन को समृद्धि व सौभाग्य का प्रतीक माना गया है. गाय के प्रति श्रीकृष्ण का प्रेम, शिवजी और नंदी की कहानियां हमारी संस्कृति में शामिल हैं. कृषि आधारित ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुपालन आजीविका का प्रमुख साधन है. 

राष्ट्रपति ने कहा कि डेयरी उद्योग देश की खाद्य एवं पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. गर्व की बात है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है. भारत का वैश्विक दूध उत्पादन में लगभग 22 प्रतिशत हिस्सा है. डेयरी सेक्टर का देश की जीडीपी में लगभग 5 प्रतिशत योगदान है व डेयरी उद्योग लगभग 8 करोड़ परिवारों को आजीविका प्रदान करता है, इसलिए एनडीआरआई जैसे संस्थानों की देश के समावेशी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है. वर्ष 1923 में स्थापित एनडीआरआई ने भारत में डेयरी उद्योग के विकास में विशेष योगदान दिया है. संस्थान के अनुसंधान ने डेयरी उत्पादन क्षेत्र में उत्पादकता, कुशलता व गुणवत्ता को सुधारने में मदद की है. उन्होंने प्रसन्नता जताई कि एनडीआरआई द्वारा अधिक दूध देने वाली भैंसों व गायों के क्लोन का उत्पादन करने की तकनीक विकसित की गई है. इससे पशुओं की दुग्ध उत्पादन क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि देश की बढ़ती आबादी के कारण दूध से जुड़े उत्पादों की मांग बढ़ रही है. साथ ही, पशुओं के लिए अच्छी गुणवत्तावाले चारे का प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन के कारण मौसम में बदलाव व पशुओं की बीमारियां, इन समस्याओं से डेयरी सेक्टर जूझ रहा है. दूध उत्पादन, डेयरी फार्मिंग को सस्टेनेबल बनाना हमारे समक्ष एक चुनौती है, जिसका समाधान निकालकर देश की जरूरतों को पूर्ण करने की जिम्मेदारी सरकार सहित सभी स्टैकहोल्डर्स की है. हम सबका दायित्व है कि हम पशु-कल्याण को ध्यान में रखते हुए, पर्यावरण अनुकूल व जलवायु स्मार्ट प्रौद्योगिकियां अपनाकर डेयरी उद्योग का विकास करें. उन्होंने इस पर भी खुशी जताई कि एनडीआरआई डेयरी फार्मों से ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करने के लिए विभिन्न तकनीकों को बढ़ावा दे रहा है. साथ ही बायोगैस उत्पादन जैसे क्लीन एनर्जी के स्रोतों पर भी बल दे रहा है. 

राष्ट्रपति के मुख्य आतिथ्य में राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान का 19वां दीक्षांत समारोह

उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आप जीवन के नए अध्याय की ओर बढ़ रहे हैं, आप सदैव नया सीखने के लिए प्रयत्नशील रहें तथा जनकल्याण के लिए कार्य करें. आपमें से कुछ विद्यार्थी डेयरी उद्योग में रोजगार प्रदाता व उद्यमी ज़रूर बनें. इस उद्योग में विकास की असीम संभावनाएं हैं और आपको इन संभावनाओं का लाभ उठाना चाहिए. एनडीआरआई द्वारा देश के विभिन्न भागों में डेयरी सेक्टर में उद्यमशीलता व स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. उम्मीद है कि आप इसका व सरकार की अन्य योजनाओं का लाभ लेते हुए उद्यमी के रूप में शुरुआत करेंगे व राष्ट्र की प्रगति में सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे.

केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि एनडीआरआई देश का बहुत ही महत्वपूर्ण संस्थान है, जिसने 100 वर्ष की गौरवशाली यात्रा पूर्ण की है. देशभर में कृषि विश्वविद्यालयों में प्रतिस्पर्धा में आईसीएआर से सम्बद्ध एनडीआरआई ने लगातार 5 वर्षों तक प्रथम स्थान प्राप्त किया, जो गौरव की बात है. उन्होंने कहा कि पशुपालन-डेयरी क्षेत्र में आज देश जिस मुकाम पर खड़ा है, उसमें वैज्ञानिकों का योगदान भी अविस्मरणीय है. भारत कृषि प्रधान देश है, जिसमें कृषि क्षेत्र की कल्पना पशुपालन व मत्स्यपालन के बिना करना संभव नहीं है. विशेष रूप से छोटे व भूमिहीन किसानों की रोजी-रोटी तो पशुपालन पर भी निर्भर करती है. कृषि की जीडीपी में पशुपालन का उल्लेखनीय योगदान है. इस क्षेत्र की जो चुनौतियां है, उनका समाधान करते हुए आगे बढ़ते रहने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि देश में वर्ष 2021-22 में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 444 ग्राम प्रतिदिन रही, जबकि 2021 के दौरान वैश्विक औसत 394 ग्राम प्रतिदिन था. देश में 2013-14 से 2021-22 के बीच दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता में लगभग 44% की वृद्धि हुई है. तोमर ने कहा कि किसी भी विद्यार्थी के लिए दीक्षांत समारोह उसके जीवन का अवस्मरणीय क्षण होता है, यह और भी गौरव की बात है कि साथ में शताब्दी समारोह का भी सुअवसर है. उन्होंने डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि वे देश की बड़ी सेवा में लगने वाले है.

हरियाणा के राज्यपाल दत्तात्रेय, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय मंत्री रूपाला ने भी संबोधित किया. समारोह में स्नातक-स्नातकोत्तर, पी.एचडी. डिग्री प्रदान की गई. श्रेष्ठ विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक दिए गए. यहां संस्थान के निदेशक व कुलपति डॉ. धीर सिंह सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे.

English Summary: Women power playing an important role in the management of dairy industry
Published on: 24 April 2023, 05:25 PM IST

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