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Updated on: 6 January, 2022 3:39 AM IST
Marine Farming

सीवीड को सुपरफूड माना जाता है. यह जैव ईंधन, जैव उर्वरक और अन्य कारोबारी उत्पादों का भी स्रोत माना जाता है. हाल ही में सीवीड को तैयार करने के लिए यानि समुद्री शैवाल की खेती करने के लिए एक मशीन तैयार की है. जो कि समुद्री खेत में उपजने वाली फसलों की कटाई करने में मदद करेगी.

ऐसा देखा गया है कि अभी तक समुद्र में समुद्री सिवार की खेती समुंदर में पाए जाने वाली रस्सियों और जालों पर उगाये जाते थे, लेकिन मौजूदा वक्त में बड़े स्तर पर समुद्र में इसकी पैदावार संभव हो गई है. इस नई तकनीक को भारत के शहर बंगलुरु स्थित स्टॉर्टअप सी6एनर्जी (Sea6 Energy) के को-फाउंडर और सीईओ श्रीकुमार सूर्यनारायण ने कहा कि समुद्री खेती अभी पाषाण काल जैसी है. यह ऐसा ही है, जैसे हंसुआ और कन्नी के इस्तेमाल से खेती करना.

यह तकनीक समुद्री खेती के लिए होगी अच्छी (This Technology Will Be Good For Marine Farming)

यह तकनीक समुद्री खेत के लिए बहुत कामयाब मानी जा रही है. कंपनी के मालिक का दावा है कि ये सी कंबाइन मशीन समुद्री खेती को बदलकर रख देगी. इसका ऑटोमैटिक कटामारन (Catamaran) समुद्र में समुद्री शैवाल की कटाई और प्रतिरोपण करता है.

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कैसे कार्य करती है ये मशीन (How Does This Machine Work)

बताया जाता है कि यह मशीन समुद्री सिवार की रेखाओं के बीच आगे-पीछे चलती है और पूरी तरह से विकसित पौधों की कटाई कर उन्हें छोटे-छोटे बीज में काट देती है.

शैवाल का उपयोग (Use Of Algae)

  • शैवाल का इस्तेमाल मॉइस्चराइजिंग, एंटी-एजिंग के लिए भी किया जाता है.

  • इसके अलावा समुद्री शैवाल का इस्तेमाल चेहरे के मास्क, लोशन, एंटी-एजिंग सीरम, शैंपू और यहां तक कि टूथपेस्ट बनाने के लिए किया जाता है.

  • वहीं शैवाल का उपयोग कई अन्य तरीकों से भी किया जैसे स्वस्थ्य सम्बन्धी बीमारियों के लिए और त्वचा की समस्याओं का इलाज करने और ठंड के घावों को ठीक करने के लिए.

  • शैवाल में आयोडीन की प्रचुर मात्रा भी होती है.

English Summary: with this new technology, it will be easy to do marine farming
Published on: 06 January 2022, 05:15 PM IST

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